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________________ hastushashita भय आदि विकारों से ग्रसित होने पर भी धर्म का त्याग न करे, ऐसे मंत्री होना चाहिए 37 कायर और मूर्ख पुरुष को मंत्री पद के अयोग्य मानते हुए सोमदेव ने लिखा है कि- " जिस प्रकार बछड़े को भारी बोझा ढोने के कार्य में लगाने से कोई लाभ नहीं, उसी प्रकार कायर पुरुष को युद्ध के लिए एवं मूर्ख को शास्त्रार्थ के लिए प्रेरित करने से कोई लाभ नहीं हो सकता | 38 राजा और मंत्री के बीच सम्बन्ध : राजा और मंत्री किसी भी राज्य को चलाने में रथ के दो पहियों की तरह कार्य करते हैं। दोनों में सन्तुलन और सामञ्जस्य होना अत्यन्त आवश्यक होता हैं। राजगण प्रत्येक कार्य की सम्पन्नता से पूर्व मन्त्रियों से मन्त्रणा किया करते थे । "पासणाहचरिउ" में उल्लेख मिलता है कि जब राजा अरविन्द को कम के व्यभिचार का पता लगता है तो वे अपने मंत्री मरुभूति से इस बात की सत्यता के विषय में विचार-विमर्श करते हैं 39 और जब मरुभूति हे नरेन्द्र ! वह माननीय नहीं है, अयुक्त है; ऐसा कहकर प्रतिकार करता है तो राजा भी उसका उल्लघंन नहीं करता | 40 इससे सिद्ध होता हैं कि राजा मंत्री की बात पर विश्वास करते थे। शोक के समय राजा को मंत्री ही सान्त्वना एवं धर्मोपदेश देकर उनके शोक को दूर करते थे । अर्ककीर्ति के मंत्री ने शक्रवर्मा की मृत्यु से उद्विग्न शोक के क्षणों में इसी प्रकार उपदेश द्वारा सान्त्वना दी थी। 41 सैन्य व्यवस्था : देश की सुरक्षा और शत्रु का मान मर्दन करने के लिए प्रत्येक राज्य में सैन्य व्यवस्था की जाती थी। सेना का प्रमुख सेनानायक या सेनापति कहलाता था । राजकार्य को चलाने के लिए दण्ड (सेना) को एक प्रमुख अंग माना गया है कौटिल्य ने सैन्यबल पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा है कि राजा पर बाह्य एवं आन्तरिक दो प्रकार के कोप आते हैं। अमात्यादि का कोप आन्तरिक कोप कहलाता है तथा बाह्य कोप शत्रु के आक्रमण से उत्पन्न कोप होता है। इन दोनों कोपों में आन्तरिक कोप अधिक कष्टदायक होता है। इन दोनों कोपों से 37 38 39 40 41 महाभारत: शान्ति पर्व 83/26 सोमदेव : नीतिवाक्यामृत 10/21 पास 6/3 वही 6/4 वही 6/3 162 అట్టో ట్
SR No.090348
Book TitleParshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendrakumar Jain
PublisherDigambar Jain Atishay Kshetra Mandir
Publication Year
Total Pages275
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
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