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________________ ३३८ पंडित दोरमल : व्यक्तित्व और कर्तत्व पोस बदि १ सूं लगाय माह सुदि १० ताईं सौ ड्योढ से कारीगर, रचना करने वाले सिलावट, चतेरे, दरजी, खराधी, खाती, सुनार आदि लागे हैं । ताकी महिमा कागद मैं लिखी न जाय, देखें ही जानी जाय । सो ए रचना तो पथर चूना के चौसठि गज का च्यौंतरा ता उपरि बरणी है। ताके च्यारयौं तरफ कपड़ा का सरायचां के कोट बगैंगा । और च्यारयों तरफ च्यारि वीथी कहिए गली, च्यारघौं तरफ के लोग दरवाजा में प्रवेश कारि श्रावनें को भैसी मारा सरकः च्याति वीथी की रचना समोसरण की वीथी सादृश्य बनेंगी । अर च्यारां तरफा में बड़े-बड़े कपड़ा के वा भोडल का काम के वा चित्रांम का कांम के दरवाजे खड़े होयगे। ताकै परै च्यारचौं तरफ नौबतिखांनां सरू होंइगे । और च्यौंतरा की आसिपासि सौ दो से डैरे तंबू कनात खड़े होंयगे । और च्यारि हजार रेजा पाघ राता' छीट लौंगी पाए हैं । सो निसान धुजा चंदवा बिछायत विष लागेंगे । दोय से रूपा के छत्र झालरी सहित नवा घड़ाए हैं । पांच सात इन्द्र बरसेंगे; तिनकै मस्तक धरने • पांच सात मीना का काम के मुकट बणेंगे। बीस तीस चालीस गड्डी कागदा की बागायति वा पहोपबाडी के ताई अनेक प्रकार के रंग की रंगी गई है। और बीस तीस मण रद्दी कागद लागे हैं, ताकी अनेक तरह की रचना बरणी है। पांचसै कडी वा सोटि बांस रचना विष लागेंगे। __ और चौसठि गज का न्यौतरा उपरि आगरा सं पाए एक ही बड़ा डेरा धरती सूं बीस गज ऊंचा इकत्रोभा दोय सै फरास प्रादम्यां करि खड़ा होयगा । ताकरि सर्व च्यौंतरा उपरि छाया होयगी । और ता डेरा के च्यारां तरफा चौईस चौईस द्वार कपड़ा के वा भोडल के झालरी सहित अंत विष चर्कोतरा की कोर उपरि बणे हैं । च्यारां तरफ के छिनद्वार भए। और डेरा के बीचि ऊपर ने सोनां के कलस चढ़े हैं और ताक पासि पासि घणां दरबार का छोटा बड़ा डेरा खड़ा होयगा । ताक परे सर्व दिवान मुतसो का डेरा खड़ा होइगा । ताकै परै जात्र्यां का डेरा खड़ा होयगा । ' लाल, २ चांदी, 3 बाग, ४ पुष्प वाटिका
SR No.090341
Book TitlePandita Todarmal Vyaktitva aur Krititva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages395
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Story
File Size7 MB
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