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रचनाप्नों का परिचयात्मक अनुशीलन
मोक्षमार्ग प्रकाशक
मोक्षमार्ग प्रवाशक पंडित टोडरमल का एक महत्वपुर्ण ग्रंथ है। इस ग्रंथ का अाधार कोईएका अर्थ न होकर सम्पूर्ण जन माहित्य है। यह सम्पूर्ण जैन सिद्धान्त को अपने में समेट लेने का एक सार्थक प्रयत्न था पर खेद है कि यह मंथराज पुर्ण न हो सका । अन्यथा यह कहने में संकोच न होता कि यदि सम्पूर्ण जैन वाङमय कहीं एक जगह मरल, मुबोध और जनभाषा में देखना हो तो मोक्षमार्ग प्रकाशक को देख लीजिए। अपूर्ण होने पर भी यह अपनी अपुर्वला के लिये प्रसिद्ध है। यह एक अत्यन्त लोकप्रिय ग्रंथ है जिसके कई संस्करण निकल चुके हैं',
प्रकाशक
प्रकाशन तिथि
भाषा
प्रतियां
(क) बा ज्ञानचंदजी जैन, वि० सं० १९५४ अजभाषा १०००
लाहौर (स्त्र) जैनग्रंथ रत्नाकर कार्यालय, सन् १६११६५
बम्बई (ग) वायु पन्नालाल चौधरी, वी. नि. वाराणसी
सं० २४५१ (घ) अनन्तकीति ग्रंथमाला, वी. नि. बम्बई
सं २४६३ (१) सस्ती ग्रंथमाला,
दिल्ली (प) सस्ती ग्रंथमाला,
१००० दिल्ली (छ) सस्ती ग्रंथमाला,
२३०० दिल्ली (ज) सस्ती ग्रंधमाला, सन् १९६५ ई.
२२०० दिल्ली
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