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________________ पंडित टोडरमल व्यक्तित्व र कर्तृत्व सम्यग्ज्ञानचंद्रिका को हम निम्नलिखित चार महाअधिकारों में विभक्त पाते हैं : : ६४ (१) गोम्मटसार जीवकाण्ड भाषाटीका महाअधिकार (२) गोम्मटसार कर्मकाण्ड भापाटीका महाअधिकार (३) अर्थसंदृष्टि महाअधिकार (४) लब्धिसार-क्षपणासार भाषाटीका महाग्रधिकार सर्वप्रथम गोम्मटसार ग्रंथ की टीका की गई है । गोम्मटसार ग्रंथ में दो महाअधिकार हैं - ( १ ) जीवकाण्ड और ( २ ) कर्मकाण्ड | जीवकाण्ड के अन्तर्गत निम्नलिखित बाईस अधिकार हैं, जिनमें प्रत्येक में अपने-अपने नामानुसार विषयों का विस्तृत वर्णन है : — ( १ ) गुणस्थान अधिकार ( २ ) जीवसमास अधिकार ( ३ ) पर्याप्त अधिकार ( ४ ) प्राण अधिकार ( ५ ) संज्ञा अधिकार ( ६ ) गतिमार्गरणा अधिकार ( ७ ) इन्द्रियमार्गणा अधिकार (८) काय मार्गणा अधिकार ( 2 ) योगमार्गरणा अधिकार (१०) वेदमार्गणा अधिकार (११) कषायमार्गणा अधिकार (१२) ज्ञानमार्गणा अधिकार (१३) संयममार्गणा अधिकार (१४) दर्शनमार्गणा अधिकार (१५) लेण्यामार्गणा अधिकार (१६) भव्यमार्गणा अधिकार ( १७ ) सम्यक्त्वमार्गणा अधिकार I
SR No.090341
Book TitlePandita Todarmal Vyaktitva aur Krititva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages395
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Story
File Size7 MB
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