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सामाजिक व्यवस्था : ९१
उद्यान पद्मचरित में निम्नलिखित उद्यानों के नाम आए है--विपुल उद्यान (२१।३६), महेन्द्रोदय (२९।९०), बसन्ततिलक (३९।९७), देवरमणोद्यान (४६।७१), देवार्चक (४८।४८), प्रमदोद्यान (७२॥२४, कुसुमामोद (८४।१३), तिलक (८५।४०), कुसुमायुधं (पर्व ७८-गद्यभाग), कामोद्यान (पर्व ७८-गद्यभाग), पाण्डुकोद्यान (१२।८४, ८५) प्रकीर्णक (४६।१४५), जनानन्द (४६११४५), सुखसेव्य (४६।१४५), समुध्धय (४६।१४५), चारण प्रिय (४६।१४५), निबोध (४६।१४५), अक्षय (४६।१४५), तथा भवनोन्माद (१९६६४) ।
पन पवनचरित में निम्नलिखित वनों के नाम आए है
भूसाटवी (१।७५), दाडिमीवन (२।१६), अर्जुनवन (२०२०), पद्मवन (२।११७), भद्रशालयन (६।१३४), सौमनस वन (६।१३४). नन्दनवन (६।१३४), भीमपन (७॥२५७), मन्दारुणारण्य (सा२४), पाण्टुकथन (११२।४०), विन्ध्यारण्य (१८६३९), भूतरव वन (१८१४८), कदलीकानन (१९।५३), परियात्रा (३रा २८), वेणुकान्तार (३७।४५), कालंजर (५९।१२), रक्ताशोकवन (६२।४६) किशुकफानन (६२।४६), परिभद्रद्रुमारण्य (६२।४६), स्वापद (६४१५५), कपित्यवन (६४।७६), दण्डकारण्य (८२।१०), निकुंजवन (८५१६३), गिरिवन (८५१७५), शल्लकी (८५।१५१), तिलकवन (९१।२६), कुमुदखण्ड (९३।१), सिंहरवा (१०२।६९) तथा सहलानबन (१०९।१६५) ।
सरोवर पय (२१।२१), महापद्म (२१:२१)।
नदियाँ गङ्गादि५८ चौदह नदियाँ-जम्बू द्वीप में गङ्गादि चौदह नदियों का निर्देश पमचरित में किया गया है । तस्वार्थसूत्र के अनुसार ये बौदह नदियां ये है-१-गंगा, २-सिन्धु, ३-रोहित, ४-रोहितास्या, ५-हरित, ६-रिकान्ता, ७-सीता, ८-सीतोदा, ९-नारी, १०-नरकान्ता, ११-सुवर्णकूला, १२-रूप्यकला, १३-रक्ता, १४-रक्तोदा।
गङ्गा". वर्तमान गंगा नदी । इसका जाह्नवी नाम भी आया है ।
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५५९. पद्मा १४ ।
५५८. पम १०५।१६० । ५६०. बही, ९८१ ।