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१५०, कोशिकी १५०, संगीत की अभिव्यत्रित १५०, संगीत के चार पद १५०, स्थायी पद के अलंकार १५०, संचारी पद के अलंकार १५०, आरोही पद के अलंकार १५०, अवरोही पद के अलंकार १५०, ग्राम १५०, नृत्यकला-सुन्दर नृत्य के लिए आवश्यक बातें १५१, नृत्य की मुद्रायें ५५२, नृत्य के भेद १५२, पायों के चार भेद-तत १५३, अवनद्ध १५३, सुषिर १५३, घन १५३, तन्वी १५४, अवनद्भवाद्य- मृदङ्ग १५४, पटह १५५, ढक्का १५५, पणिघ १५६, घनवाद्यताल १५६, चित्रकला-१५६, चित्र के भेद १५७, शुष्कचित्र, आर्द्रचित्र, शुष्कचित्र के भेद १५७, भाई मित्र के भेद १५७, चित्र के चार भेद १५७, मूर्तिकला-१५८, जिनप्रतिमा १५१, शासनक्षेप १६०, रविमूर्ति १६०, मुनिमूर्ति १६०, प्रतीहार मूर्ति १६१, पशुमूर्तियाँ १६१, वास्तुकला-नगर वास्तुनगर प्रभेद १६२, दुर्ग १६३, देशपयन १६३, मार्ग विनिवेश १६४, राजमार्ग १६५, रम्या १६५, विकचत्वर १६६, जिनालय १६६, उधान १६७, रक्षासंविधान १६७, वप्र एवं परिखा १६७, प्राकार १६८ अट्टाल १६९, गोपुर १६९, भवन निवेश-जन्म एवं विकास १७०, शालाभवन या शालभवन १७२, यशाला १७२, चतुःशाला १७२, द्वार १७३, स्तम्भ १७४, आस्थान मण्डप १७४, अन्य मण्डप १७४, भयन रचना १७५, सय १७७, गेह १७७, गृह १७७, वैश्म १७८, अागार १७८, भालय १७९, शालभक्षिका १८२, प्रासाद १८३, हमे १८४, मन्विर १८४, सभा १८४, दीपिका १८६, गवाक्ष १८६. क्रीडमक स्थान १८७, प्रपा १८८, कूटगृह १८८, समवसरण १८८, जिनेन्द्रालय १८९, चैत्य १९१, विमान १९२, नरयान १९३, सिंहासन १९३, शय्या १९४, विविध कलायें-दिन कौशलकला १९४, चक्ति कोशल के भेद-स्थान, स्वर, संस्कार, विन्यास, काकु, समुदाय, विराम, सामान्याभिहित, रामानार्थता, भाषा, लेख तथा मातृकायें १९४-१९६, पुस्तकर्म-क्षम जन्य पुस्तकर्म १९६, उपचयजभ्य पुस्तकर्म १९६, संक्रमजन्य पुस्तकर्म १९६; यन्त्र १९६, निर्यन्त्र १९६, सच्छिन्द्र १९६, निश्छिद्र. १९६, प्रत्रम्छेद क्रिया १९६, पत्रच्छेद के भेद-बुषिक्रम, छिन्न तथा अफ्छिन्न १९७, माला निर्माण की कला-माला निर्माण के प्रकार, आई, शुष्क, तन्मुक्त तथा मिष १९७, गन्धयोजना-गन्धयोजना के मङ्ग-योनिद्वन्य, मधिष्ठान, रस, वीर्य, कल्पना, परिकर्म तथा कौशल १९७-१९८, गन्धयोजना कला के भेद १९८, संवाहन कला १९८, संवाहन कला के प्रकार-कर्म संघया १९८, शम्योपचारिका १९९, कर्म संशया के भेद-मदु अथवा सुकुमार, मध्यम, उत्कृष्ट तथा मनःसुखसंवाहन १२९, कर्मसंश्रया संवाहन कला के भेष १९९, शय्योपचारिका १९९, शोभास्पद संवाहन १९९, वेश कौशल फला २९९, केप्यकला १९९।