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प्रथम संस्करण
११००
वीर ज्ञानोदय ग्रन्थमाला पुष्प नं० ७५
श्रीमद् भगवत्कुम्कुन्वाचार्य प्रणीत
नियमसार
[ श्रीपद्मप्रभमलधारिदेव कृततात्पर्यवृत्तिसहित ]
हिन्दी अनुवाद : पूज्य प्रार्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी
प्रकाशक :
वि० जैन त्रिलोक शोध संस्थान हस्तिनापुर (मेरठ) उ० प्र०
३ फरवरी ८५, माघ शुक्ला १३ बो० नि० सं० २५११
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संशोधित मूल्य) रु० मुख्य वीर ज्ञानोदय ग्रंथा
हरिपुर। ठ