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समिति, उस के मन्त्री श्री लक्ष्मीचन्द्रजी जैन तथा डॉ. गोकुलचन्द्रजी जैन का लेखक आभारी है, जिन्होंने इस शोध-प्रबन्ध को प्रकाशनार्थ स्वीकार किया और अत्यन्त आगरूकतापूर्वक इस के प्रकाशन का कष्ट वहन किया।
___अन्त में लेखक उन समस्त विद्वानों क. प्रति अपना सार प्रमह र आवश्यक समझता है, जिन के ग्रन्थों से इस शोध-प्रबन्ध के प्रणयन में उसे सहायता प्राप्त हुई।
दिगम्बर जैन फॉलेज, पौर ( मेरर }
-डा. एम. एल. शर्मा