SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 35
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्लोक न खलु कुलाचाराभ्यां न तथार्थः पुरुषान् न हि स्वं द्रव्यमव्ययमानो न क्षीरात् परं महदस्ति ननीरात्परं निवृत्तस्त्रीसंगस्य नमो मा न स्त्रीणामकर्तव्ये न स्त्रीणाम सहजो नहि स्त्री गृहादायात नापि स्वयमनुभवनीयेषु नातीव स्त्रियो न खलु कपिः निष्फलो न प्रातर्वषधरं नित्यमदन्तधावनस्य न कार्यव्यासङ्गेन न खलु युरौरपि नित्यस्त्रानं निरत्रस्य न भुक्तिपरिमाणे न जित्सुर्न नादेवं नातिक्रुद्धोऽपि नाताशोधितपरस्थानमुपेयात् नाप्तजनैरनारुढं न स्वैरपरीक्षितं न याष्टिकैरविविक्तं न विषापहारौषधिमणीन् नैकोन्वतं समुद्देश 2 2 2 2 2 2 2 2 21 22 22 23 23 24 24 24 24 24 24 24 24 24 25 25 25 25 25 25 25 25 25 1 2 3 4 2 2 2 25 25 25 25 25 25 25 नीति सं. श्लोक 10 16 21 9 9 8 دا 22 25 32 33 43 55 86 5 7 8 9 23 32 43 49 64 80 81 82 83 84 85 93 नियमितमनोवाक्काय नावृषस्यन्तीं न सन्ध्यासु न दिवा न तद् गृहाभिगमने न भयेषु नाक्रान्तिः नभूतेषु न मृता न क्षीरघृताभ्यां नि:स्पृहाणां न दारिद्र्यात्परं न रत्नहिरण्य न लेखाद्वचनं नीवीविनाशेषु नहि दुर्वृत्तानां न हि भर्तुरभियोगात् निधिराकस्मिको न खलु दैवमीह न हि दैवम निश्चित एव न मां परो निधानादिव न हि कुलागता न पुण्य पुरुषा न केवलाभ्यां निरनुबन्धमर्था नासावर्थो न तथेषवः नाप्रतिग्रहो नद्याः नीयमानस्य निरनमपि समुद्देश 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2222 25 25 25 25 26 26 26 26 26 26 27 27 27 28 28 28 28 29 29 29 29 29 29 29 29 29 29 30 30 30 30 नीति सं. 94 101 109 111 10 24 26 37 54 60 3 4 3 2 1 8 RPF 5 45 48 63 14 25 28 30 10 11 13 53 61 69 88 96 101 102 5 18 22 23
SR No.090305
Book TitleNiti Vakyamrutam
Original Sutra AuthorSomdevsuri
AuthorNathulal Jain, Mahendrakumar Shastri
PublisherDigambar Jain Vijaya Granth Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages645
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy