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नीति वाक्यामृतम्
N मन्त्री का कर्त्तव्य :
वरं स्वामिनो दुःखं न पुनरकार्योपदेशेन तद्विनाशः ।।53 ।। अन्वयार्थ :- (स्वामिनः) राजा को (दुःखं) कष्ट देना (वरम्) उत्तम है (पुन:) किन्तु (अकार्योपदेशेन) अकृत्य का उपदेश से (तत्) उसका (विनाश:) नाश करना [न] योग्य नहीं ।
पाठान्तर :- (वरं स्वामिनो मरणाद् दुःख न पुनर कार्योपदेशेन तद्विनाश:) अर्थात् सच्चे मंत्री का कर्तव्य है कि वह अपने स्वामी भूपति को सदा तात्कालिक कठोर परन्तु भविष्य में मृदु व मधुर हितकारक उपदेश देवें । इस प्रकार के अवसर पर यदि राजा क्रूद्ध हो मृत्यु दण्ड भी दे तो उसे स्वीकारना श्रेष्ठ है परन्तु राजा की इच्छानुसार अहितकारी उपदेश देकर उसे क्षति पहुँचाना उत्तम नहीं है ।
विशेषार्थ:- मन्त्री द्वारा कठोर किन्तु विपाक में मधुर वाणी बोलकर राजा को उपदेश करना श्रेष्ठ है। परन्तु वर्तमान में प्रिय और भविष्य में घातक फल देने वाला उपदेश कदाऽपि नहीं करना चाहिए । राजा रुष्ट होकर कठोर दण्ड देगा या राज्य शासन से बहिष्कृत कर देगा, अपमानित करेगा, इससे भीत होकर अहितकारी-अकर्तव्य का उपदेश उसे कदाऽपि नहीं देना चाहिए ।। नारद ने भी लिखा है :
वरं पीडाकरं वाक्यं परिणामसुखावहम् ।
मंत्रिणा भूमिपालस्य न मृष्टं यद्भयानकम् ।।1।। अर्थ :- मन्त्री को भविष्य में सुखकारक, वर्तमान में पीडाकारक वचन बोलना चाहिए । किन्तु तत्काल में । मधुर और भविष्य में कठोर उपदेश कभी भी नहीं करना चाहिए 153 ॥ मन्त्री को आग्रह करके भी कौन सा कर्तव्य कराना चाहिए :
पीयूषमपिवतो बालस्य किं न क्रियते कपोलहननम् ।।54॥ अन्वयार्थ :- (पीयूषम्) दुग्ध (अपिवतः) नहीं पीने वाले (बालस्य) बच्चे के (किम्) क्या [माता] माँ (कपोल हननम्) गाल पर चांटा (न) नहीं लगाती ?
जिस समय बच्चा माता का स्तनपान नहीं करता है तो क्या माता उसके गाल पर थप्पड नहीं लगाती ? लगाती है और दूग्ध पान भी कराती है । इसी प्रकार मन्त्री का कर्तव्य है वह राजा को कठोर वाणी द्वारा कटुक उपदेश देकर उसे सन्मार्गारुढ करना ही चाहिए । मन्त्री को हर प्रकार से राजा की उन्नति, यशरक्षण और श्री वृद्धि का उपाय करना चाहिए। पाठान्तर भी है :"पियूषमपि पिवतः बालस्य किं न क्रियते कपालहननम् ।।" गर्ग विद्वान ने भी इस विषय में कहा है -
जननी बालकं यद्वद्धत्वा स्तन्यं प्रपाययेत् ।।
एवमुन्मार्गगो राजा धार्यते मंत्रिणा पथि ।।1॥ अर्थ :- जिस प्रकार माता बालक को ताडना देकर भी स्तन पान कराती है उसी प्रकार मन्त्रिमण्डल द्वारा
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