SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पृष्ठ संख्या 214 से 219 214 215 216 217 218 219 220 से 298 220 122 223 विषय 9. दण्डनीति समुद्देश: 1 दण्डनीति का महात्म्य 2. दण्डनीति का स्वरूप निर्देश 3. दण्ड विधान का उद्देश्य राजा द्वारा अग्राह्य धन 5. अन्याय पूर्ण दण्ड से हानि 6. अपराधियों को दण्ड विधान न करने से हानि 10. मन्त्रि-समुद्देशः 1. श्रेष्ठ बुद्धियुक्त मन्त्री की सलाह मानने वाला राजा 2. लिहासिक प्रमाण 3. प्रधानमन्त्री के सद्गुण वर्णन 4. आचार्य कुन्द कुन्द स्वामी ने मंत्री के 5 गुण बताये हैं नव गुणों में "स्वदेशवासी" गुण का समर्थन दुराचार से होने वाली हानि प्रधानमंत्री के कुलीन न होने से हानि 8. व्यसनी मन्त्री से हानि 9. राजद्रोही मन्त्री भयंकर शत्रु हैं 10. राजा से द्रोह करने वाले मंत्री का स्वरूप 11. व्यवहार अज्ञ मन्त्री का दोष 12. शस्त्र विद्या निपुण होकर भी भीरु मंत्री का दोष 13. उपधा-शत्रु चेष्टा की परीक्षा निर्देश 14. नीच कुल वाले मन्त्रियों के दोष 15. कुलीन मन्त्री का स्वरूप 16. ज्ञानी मंत्री का ज्ञान भी नष्ट हो जाता है 17. शास्त्र ज्ञान की निष्फलता 18, कायर व मूर्ख मन्त्री पद के अयोग्य है 19. राजा को षडगुण प्रयोग किस प्रकार करना चाहिए 20. पंत्र-मन्त्री आदि की सलाह से लाभ 21. मन्त्रियों का लक्षण व कर्तव्य 22. मंत्रियों के साथ किये हुए विचार के अज 23. मन्त्र सलाह के अयोग्य स्थान 24. मन्त्र जानने के साधन 25. गुप्त विचार को सुरक्षित करने की अवधि 223 223 224 225 225 225 226 204 227 228 229 230 231 232 233 234 234 235 236 238 238 239 - - -
SR No.090305
Book TitleNiti Vakyamrutam
Original Sutra AuthorSomdevsuri
AuthorNathulal Jain, Mahendrakumar Shastri
PublisherDigambar Jain Vijaya Granth Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages645
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy