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________________ | परिशिष्ट ७ : परिभाषाएं मुहरी - मुखरी (वाचाल ), अटर्सट बोलने वाला भुखे अरिमावहतीति मुखरी । जो अंटर्सट बोलता है, मुख में शत्रुता को वहन करता है, वह मुखरी है। ( उचू. पृ. २८) मुहाजीवि - मुधाजीवी । मुहाजीवी नाम जं जातिकुलादीहिं आजीवणविसेसेहिं परं न जीवति । जो जाति, कुल आदि के सहारे नहीं जीता, उसे मुधाजीवी कहा जाता हैं। ( दशजिच्. पृ. १९० ) मुहाल - मुधालब्ध। मुहालद्धं नाम जं कोंटलवेंटलादीणि मोतूणमितरहा लद्धं तं मुहालद्धं । तंत्र, मंत्र और औषधि आदि के द्वारा हित-संपादन किए बिना जो मिले, उसे मुधालब्ध कहा जाता है। ( दशजिचू. पृ. १९० ) मूठ-मूढ । मूढो कजाकज्जमयायाणो । कार्य और अकार्य के विवेक से विकल व्यक्ति मूढ कहलाता है। ( सूच्. १ पृ. १७२ ) मूढा तत्त्वातत्त्व अजाणगा । ० मूढा हिताहितविवेचनं प्रत्यसमर्थाः । ० ६५७ तत्त्व और अतत्त्व के ज्ञान से शून्य तथा हित और अहित के विवेक से विकल मूढ कहलाता है । ( उचू. पृ. १४९, उशांटी. प. २६२ ) मेधावि - मेधावी । मेधावि सि आशुग्रहणधारणसम्पन्नः । शीघ्र ग्रहण और धारण- इन दो बुद्धिगुणों से सम्पन्न व्यक्ति मेधावी कहलाता है। ( सूचू-२ पृ. ३१२) मोक्ख - मोक्ष। अंधवियोगो मोक्खो भवति । कर्मबंधन का त्रियोग मोक्ष है । मोह-मोह। मोहो णाम हिताहिते निव्विसेसता । जो हित और अहित में निर्विशेष होता है, वह मोह हैं। मोहुषासक — मोहोपासक। कुप्पवयणं कुधम्मं, उधासए मोहुवासको सो उ । जो कुप्रवचन तथा कुधर्म की उपासना करता है, वह मोहोपासक रसणिज्जूढ रसनिढ रसणिज्जू णाम जं कदसर्ण ववगयरसं तं रसणिज्जू नीरस और विकृत आहार को रसनिर्यूढ कहते हैं। हैं। रसय - रसज। रसया नाम तक्कंबिलमाइसु भवंति । राग-राग रागो नाम तीव्राभिनिवेशः । तीव्र अभिनिवेश- आसक्ति को राग कहते हैं । रावधम्म — राजधर्म । रायधम्मो इट्वाणिट्टेसु दंडधरर्ण । (आचू. पृ. २४६ ) (आचू. पृ. ९१ ) (दनि. ३६) भण्णइ । ( दशजिचू. पृ. २८१) छाछ, दही आदि रसों में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्मशरीरी जीव रसज कहलाते हैं। ( दशजिचू. पू. १४० ) (दचू. पू. ३६ ) प्रिय या अप्रिय व्यक्ति का चिन्तन किए बिना अपराधी को दंड देना राजधर्म है । ( दशअचू. पृ. ११)
SR No.090302
Book TitleNiryukti Panchak
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages822
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size19 MB
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