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________________ गाथाओं का समीकरण दव कालिम निसि ाथाएं चुणि एवं टीका दोनों में मिलती हैं पर उनकी गाथासंख्याओं में बहुत अन्तर है। संपादन में भी हमने गाथाओं के बारे में विमर्श किया है कि कितनी गाथाएं बाद में प्रक्षिप्त हुई हैं और कितनी मूल की थीं। अतः संपादित गाथा-संख्या भी टीका एवं चूणि में प्रकाशित गाथा-संख्या को संवादी नहीं है । पाठकों की सुविधा के लिए हम यहां चार्ट प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे गाथाओं को खोजने में सुविधा रहेगी । जिनदास कृत चणि में नियुक्ति की गाथा संख्या का केवल संकेत-मात्र है, पूरी गाथा नहीं है, अतः समीकरण में उसका समावेश नहीं किया है। संपावित संपादित हाटी २२ २२ हाटी x x x x xxx २५/१ २७ #2xx xxx xxx xxxx xnx xxx xrx.. ४० १. अचू के संपादक मुनि पुण्यविजयजी ने इस गाथा के अंक तो दिए हैं किंतु इसे निगा नहीं माना है। २. यह गाथा तंदुसवैचारिक प्रकीर्णक की है । प्रसंगानुसार इसे उद्धृत किया गया है। हारिभद्रीया टीका में यह निगा के क्रम में है।
SR No.090302
Book TitleNiryukti Panchak
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages822
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size19 MB
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