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निमित्तशास्त्रम्
(७७) र पूर्वदिशा में बिजली चमके तो आने वाले वर्ष में अकाल, वर्षा का अभाव, बीमारियों की वृद्धि एवं धन-धान्य की हानि होती है। दक्षिण दिशा में र बिजली चमके तो आने वाले वर्ष में साधारण वर्षा, चेतक का विशेष प्रकोप, अन्न एवं खनिज पदार्थ सामान्यरूप से महँगे होते हैं। पश्चिम दिशा की ओर से निकली सके तो उपहा. हागडे, ... Pi.बरी. हत्यायें एवं आने वाले वर्ष में अनेक प्रकार की विपत्तियों का आगमन होगा। उत्तरदिशा में बिजली चमके तो अग्नि का भय, आपसी विरोध, नेताओं में मतभेद, आरम्भ में वस्तुयें सस्ती बाद में महंगी होगी एवं आकरिमक दुर्घटनाओं में वृद्धि हो जायेगी । होली के दिन आकाश में बादलों का छाना और बिजली का चमकना अशुभ है। वसन्तक्रतु :- चैत्र और वैशाख माह में आने वाले ऋतु को तसन्तऋतु कहा जाता है। इस ऋतु में बिजली का चमकना प्रायः निरर्थक होता है।
चैत्र कृष्णा प्रतिपदा को आकाश में बादल व्याप्त हो और बूंदाबाँदी के साथ-साथ बिजली चमके तो आने वाले वर्ष के लिए अत्यन्त अशुभ होता है। फसल तो नष्ट होती ही है मगर साथ ही मोती, माणिक्य
आदि जवाहरात भी नष्ट होते हैं। यदि उस दिन देवसिक काल में बादल में छा जाये और वर्षा के साथ बिजली चमके तो अत्यन्त अशुभ होता है।
आगामी वर्ष के लिए उक्त प्रकार का निमित्त विशेषरूप से अशुभ की सूचना देता है । चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तृतीया से विद्ध हो तथा उस दिन भरणी नक्षत्र हो तो इस दिन चमकने वाली बिजली आने वाले वर्ष में मनुष्य और पशुओं के लिए नाना प्रकार के अरिष्टों की सूचना देती है। 8 पशुओं में आगामी आश्विन, कार्तिक, माघ और चैत्र माह में भयानक !
रोग फैलता है तथा मनुष्यों को भी इन्हीं माहों में बीमारियाँ होती हैं। इसके बिजली को भूकम्प की सूचना भी समझनी चाहिये।
चैत्र माह की पूर्णिमा को अचानक आकाश में बादल छा जायें और पूर्व और पश्चिम दिशा में बिजली गरजे तो आने वाला वर्ष उत्तम रहता है और वर्षा भी अच्छी होती है। फसल के लिए यह निमित्त बहुत अच्छा है । इसप्रकार के निमित्त से सभी वस्तुओं का मूल्य घट जाता है।
वैशाख माह की पूर्णिमा को दिन में तेज धूप हो और रात्रि में १ बिजली चमके तो आने वाले वर्ष में वर्षा अच्छी होती है।