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[७६ में प्रकार की बिजली से वर्षा भी अवरुद्ध होती है । तेज चमचमाहट करती। हुई चमकने वाली बिजली को वर्षा का अभाव और घोर उपद्रव की सूचना समझनी चाहिये। र ऋतुओं के अनुसार भी विद्युत् के चमकने से प्राप्त होने वाले फल
में परिवर्ततन होते रहते हैं। यथा - ईशिशिरक्रतु :- माय और फाल्गुन मास में आने वाले ऋतु को शिशिर , । कहा जाता है । इस ऋतु में नीले या पीले वर्ण की बिजली चमके तथा ।
आकाश सफेद वर्ण का दिखाई पड़े तो डोलों के साथ-साथ जलवर्षा र होती है । यह वर्षा कृषि के लिए हानिकारक होती है।
माघ कृष्णा प्रतिपदा को बिजली चमकती है तो गुड़, चीनी. मिश्री है, आदि वस्तुयें महँगी होती हैं तथा कपड़ा, सूत, कपास, रुई आदि वस्तुयें ।
सस्ती हो जाती हैं। शेष वस्तुओं का मूल्य सामान्य रहता है। इस दिन में बिजली का मरजना बीमारियों की सूचना भी देता है। * माघ कृष्णा द्वितीया, षष्ठी और अष्टमी को यदि पूर्वदिशा में *
बिजली दिखाई पड़े तो आने वाले वर्ष में अधिक व्यक्तियों के अकाल * मरण होने की सूचना समझनी चाहिये । यदि चन्द्रबिम्ब के चारों ओर है परिवेष होने पर उस परिवेष के समीप ही बिजली चमकती हुई दिखाई। पड़े तो आगामी आषाढ़ माह में अच्छी वर्षा होती है। माघ कृष्णा द्वितीया । को गर्जना के साथ बिजली दिखाई पड़े तो आने वाले वर्ष में फसलर साधारण तथा वर्षा की कमी होती है।
माघ माह की पूर्णिमा को मध्यरात्रि में उत्तर और दक्षिणदिशा में चमकती हुई बिजली दिखाई पड़े तो आने वाला वर्ष राष्ट्र के लिए उत्तम * होता है । व्यापारियों को भी सभी वस्तुओं के व्यापार में लाभ होता है।
यदि दूसरी रात्रि में चन्द्रोदय के समय ही अडतालिस मिनट तक बिजली चमकती है तो आने वाले वर्ष में उस राष्ट्र में अनेक प्रकार की विपत्तियों का सामना करना पड़ेगा ।
फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, द्वितीया और तृतीया *को मेघ आकाश में छाए हुए हो और उसमें पश्चिमदिशा की ओर बिजली चमकती हुई दिखाई पड़े तो आने वाले वर्ष में फसल अच्छी होती है और तत्काल ओलों के साथ-साथ जल वृष्टि होती है । यदि होली की रात्रि में ।