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-- ---निमितशारश्रम------
(५२) (उल्कापतनप्रकरण) पुव्वे उत्तरमुण्णाणुक्का वाजत्थदीसएथपडा।
तत्थ विणासो होहइगामेणयरेणसंदेहो॥११६|| अर्थ :
यदि उल्का पूर्व और उत्तरदिशा में दिखाई पड़े तो उस गाँव अथवा नगर का नाश होगा। इसमें किसीप्रकार का सन्देह नहीं है।'
उक्कायस्थजलंतिमासे-मासेसुसव्वकालेसु।
छम्मासंपङमाणंतत्थोपाणंणिवेदेई॥११७|| अर्थ :
जहाँ पर हर माह में उल्का दिखाई देवे इसतरह वह लगातार छह. माह तक दिखाई देवे तो अवश्य ही उस देश में रहने वाले मनुष्यों के 8 प्राणों का हरण होगा।
सुक्किदवा धूमाभाजइवाणिच्चाइधूसराउका। पडमाणो दिसिज्झाणंहम्मितंजाणउप्पाद।।११८॥ अर्थ :
सफेद धूसर रंग वाली उल्कापात जहाँ होती है, उसे बड़ा भारी उल्कापात जानो।
. सुक्का हणेइ विप्पास्त्ता पुणखत्तई विणासेई।
पीयाहणेइवइसे किण्हापुणसुद्दणासयरी॥११९॥ अर्थ :
सफेद उल्का विनों का संहार करती है । लाल उल्का क्षत्रियों का संहार करती है। पीली उल्का वैश्यों का संहार करती है तथा काली उल्का शुद्रों का संहार करती है।