________________
[२८
-निपित्तशास्त्रम -- कई दिनों तक लगातार काला और रोता हुआ दिखलाई पड़े तो उस नगर । में दो महीने उपरान्त महामारी का प्रकोप होता है।
बिल्ली तीन बार रोकर एकाएक चुप हो जाय तथा नगर के भीतर आकर श्रृगाल तीन बार रोकर चुप हो जाय तो उस नगर में भयंकर हैजा फैलने वाला है ऐसा जानना चाहिये। ॐ उल्कापात हरे वर्ण का हो, चन्द्रमा हरे वर्ण का दिखाई पड़े तो सामूहिक रूप में ज्वर का प्रकोप होता है।
यदि सूख्ने हुए वृक्ष अचानक बिना किसी कारण के हरे हो जाये। तो उस नगर में सात महीने के भीतर महामारी फैलती है।
चूहों का समूह अपनी सेना बनाकर किसी नगर के बाहर जाता। हुआ दिखलाई पड़े तो उस नगर में प्लेग का प्रकोप होने वाला है ऐसा समझना चाहिये।
जिस नगर में पीपल के वृक्ष और वटवृक्ष में असमय में पुष्प और *फल आवे तो उस नगर में पाँच महीनों के भीतर संक्रामक रोग फेलने से, नागरिकों को कष्ट होगा ।
गोधा, मेंढक और मोर रात्रि के समय में विचरण करें तथा श्वेत काक एवं गृद्ध घरों में घुस आयें तो उस नगर में तीन महीने के भीतर बीमारी फैलती है।
कौओ का मैथुन देखने वाला पुरुष छह मास के भीतर मृत्यु को प्राप्त होता है। १४:- राजनीतिक उपद्रवसूचक = जिस स्थान पर मनुष्य गाना गा, रहे हो, वहाँ गाना सुनने के लिए यदि घोड़ी, हथिनी, कुतियाँ आदि पशु एकत्र होते हो तो वहाँ राजनीतिक महान उपद्रव होने वाला है ऐसा जान लेना चाहिये।
जिस नगर में बच्चे खेलते-खेलते अकारण ही आपस में लड़ाई करने लग जाय और क्रोधपूर्वक लड़ने लग जायें तो वहाँ युद्ध अवश्य , होता है तथा राजनीति के सरदारों में आपस में फूट पड़ जाने से देश की
हानि भी होती है। * जिस नगर में बैलों के बिना ही हल अपने आप खड़ा होकर नाचने लग जाय तो वहाँ जिस पक्ष का शासन है, उससे विपरीत पक्ष का शासन ।