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PANDHAMALLAHAB
-... --- अधिनमा .. -.-.
मेघयोगप्रकरण अह मेहोणहयलये पउमिणि सुरिसुघदीसए जच्छं। र सो पंचम्मिय दिवहे वायं वरिसं च को वेई॥२२॥ अर्थ :
यदि सूर्य के चतुर्दिक में कमल के आकार का मण्डल दिखाई दे । तो पाँचवें दिन हवा चलकर पानी बरसेगा । मुसलसरिच्छो मेहो दीसइ व जात पव्वयाभोया ।
सो सत्तमम्हि दिवहे वार्य वरिसं च को वेई॥२३॥ अर्थ :
सूर्य के चतुर्दिक में यदि मूसलाकार मण्डल दिखाई पड़े तो सातवें । दिन अवश्य ही हवा चलकर पानी बरसेगा । है अह दीसइ परधीओ उदयच्छवणम्हि उछितो घोरो। है तो तियरा पुणि दिवहे वायं वरिसंच को वेई॥२४॥ अर्थ :
सूर्योदय व सूर्यास्त के समय यदि सूर्य के चारों ओर वलयाकार मण्डल दिखाई देवे तो तीसरे दिन हवा चलकर अवश्य पानी गिरेगा। र हेमंतकतुणकगिण्हे सुख दक्खिणोय जय वाऊ।
अण्णुण्ण दिसा वायइ वरिसा मुत्तच्छ णायव्वो॥२५।।
अर्थ :
यदि हेमन्तऋतु में सही मिली हुई दक्षिणी हवा चले तो शीघ्र ही वर्षा होगी ऐसा जानो। ववरूव सूरस्सुदयच्छमणे पडंति जलबिंदऊणहयलाऊ।