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--निमित्तशास्त्रम
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१८. अगर सर्प और हस्ती के सदृश सूर्य जाज्वल्यमान दिखाई देवे। तो जान लो कि छठे दिन राजा का मरण अवश्य होगा। १९. सूर्य अस्त होता सा दिखाई दे कि उसमें बहुत पुरुषाकृति शाखाएं जाज्वल्यमान निकल रही है तो जान लो कि पांचवे महीने बहुत से आदमी हर एक सूरत में रोएंगे।
२०. सूर्य उदय और अस्त समय मैं सूर्य मैं छेद दिखाई दें तो वहाँ पर १९ ऐसी तलवार चलैंगी कि जिससे बहुत से मनुष्य छेदे जावेंगे।
२१. सूर्यास्त समय यदि सूर्य के अंदर से ऐसा मालूम हो कि धुएं के । गोले निकल रहे हैं तो जान लो कि तेरहैं दिन यहाँ युद्ध होगा। २२. अब मेघ चिन्ह कहते है।
यदि सूर्य के गिर्द मंडल कमलाकार नजर आवै तो पांच दिन *हवा चलके पानी बरसैगा। * २३. अगर सूर्य के गिर्द मूशल के आकार मंडल नजर आवे तो जान
लो कि सातवें रोज अवश्य पानी बरसेगा। २४. सूर्य उदय और अस्त समय यदि गोलमंडल इर्द-गिर्द नजर आवै
तो तिसरे दिवस पानी अवश्य बरसैगा। * २५. हेमंत ऋतु मैं सदी मिली हुई हवा दक्षित की चलै तौ जान लो वर्षा करीब है। २६. सूर्योदय और अस्त समय यदि जल ओस के माफिक पडै तौ कह दो कि इससे तीसरे रोज अवश्य पानी पडेगा । २७. यदि प्रचंड हवा चलै और बीच-बीच मैं फिर धीमी हवा चलै तो
जान लो कि पांचवे दिन अवश्य पानी बरसैगा। ४२८. अचानक कोई पूछे कि क्यों साहब मकान छा लिया? और कपड़ों
में सर्दी मालूम होने लगे, जल की कलशों का जल गर्म रहै तो जान लो । कि आजकल में जरूर पानी आवैगा। २९. अगर सूर्यास्त या उदय समय आकाश पीला, मंजीठ, नारंगी समान मालूम हो तो यह सूचित करता है कि हवा चलके पानी बरसैगा। ३०, तमाखू रंग का संध्यासमय बादल हो या खाखी रंग का हावे या से बादल में छेद से हों तो जान लो कि पानी का अन्त हुआ। ३१. बादल खंड-खंड और गोमूत्र ऐसी आकृति कृष्णवर्ण सूर्यास्त ।