________________ सङ्केतविवरण अ० वि० अभिधानचिन्तामणि | का• सु० कातन्त्रसूत्र यशलि. आ. क. यशस्तिलक अनेका० सं० अनेकार्थसङ्ग्रह क्षी० भा० क्षीरस्वाभिभाष्य आश्वास कल्प अम० को अमरकोश क्षी० स्वा० क्षीरस्वामी वि. को का० विश्वलोधनकोश अम० को भी भा० अमर- / जन समु० जनपदसमुद्देश कान्तवर्ग कोश क्षीरस्वामी भाष्य | जं. सू० जनेन्द्रसूत्र / वि. लो० विश्वलोचन कोश अमर अमरकोश ता सूतत्त्वार्थसूत्र | श च शब्दार्णवचन्द्रिका अ० सं० अनेकाधसंग्रह नीतिसा. नीतिसार उ० सू उणादि सूत्र / नी वा समु० सू० नीति वाक्या.| श० च 0 म शब्दार्गवचन्द्रिका कल्प० को० कल्पद्रुकोश यामृत समुद्देश सूक्ति मान पर निनादिनिका ! कारिका शाकटायन कारिका का० स० कातन्त्र उणादि पा० उ. पाणिनि उणादि / शा. सू० शाकटापन मूत्र का रू. उ. वातन्त्र रूपमाला पान गणसू० पाणिनि गणसूत्र / सर० क * सरस्वतीकण्ठाभरण उत्तरार्ध पात० भाष्य पातजलमहाभाष्य | सार समा० सू० सारस्वत का० रू० पू० कातन्त्र रूपमाला पा.सू. पाणिनिसूत्र पूर्वार्ध समास मूत्र मो० उ० भोजउपादि का रू० पू० सू० कातन्त्ररूप- | मे० को वा०व० मेदिनीकोश / 20 च• हेमचन्द्र माला पूर्विसूत्र | बान्तवर्ग . हे० श० हेमशन्दान शासन शुद्धिपत्रम् पृष्ठ प० अशुद्धयः शुद्धयः ' पृष्ठ प० / अशुद्धयः शुद्धयः 7 14 सरं शरं | 65 9 विषाशयः विषक्षयः 53 2 स्तमितं स्तनितं | 69 2 निकुरो निकरी 54 21 मुक्तोषा- मुत्तोषा- '71 21 श्वेतो श्येतो