SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 123
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५ पृष्ठ पृष्ठ श्लोक शब्द तीर्थ कर तोत्र ११६ शब्दानुक्रमणिका श्लोक । शब्द पृष्ठ श्लोक शब्द दशमीस्थ १०८ । दृष्टि १८४ । दगा १२४ | देव देवानांप्रिय दहन दामोदर देहिका ५६ तुक दस्य देह १९ ५२ दारक ४० । दैत्यारि ३२ दास १४४ १०१ दारा दारिका १३६ ३६ दोप तुरग तुरंगम तृरासाह. तुला तुलाकोटि तुल्य तुषार तुहिन तूर्ण तेजस् १८४ ३६ द्यति मणि २६ १७९ दासी दिक-दिश् दिक्पाल अर्थनी - ६१ । चुप २८ १२२ ४५ धिमाज दिन तेजस्विन् (२८ १३. my. तोक सोमर दिव-दिव (२८. द्रविण द्रव्य द्राक् ७८ १५ तोय १५७ १०९ दिवस दिवा दिव्य वाक्पति ५८ दीक्षित दीधिति * . * * इम द्रुहिण . तोष त्रिकत विदेश त्रिनेत्र त्रिपथगा त्रिपुरारि त्रिमार्गगा ज्यम्बक ३५ दीन ७ . ४६ . ३५ दीप्ति दीर्घ ० १८३ L द्वय द्वितय द्विप हिरद द्विरेफ विष द्विषत रित १३१ ग दष्ट्रिन् दशवाच्या दुर्जन . दुष्कान ष दण्ड ० दन्न पिन तूंत K दुहित दन्तबास दस्तिन ཝ ཝཱ ཙྩཱ ཡྻོ ཝཱ ཙྪཱ ཙྪཱ ཙྪཱ ཙྪཱ ཨཱ द्वती दून १७१ १५५ दयित दयिता इतिहदि धन धनंजय घनद अनदाय धनुष दरीभूत दया दर्शनीय धन्दन् देशनच्छद १७० १०८ घमनीषम
SR No.090291
Book TitleNammala
Original Sutra AuthorDhananjay Mahakavi
AuthorShambhunath Tripathi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1950
Total Pages150
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy