________________
अन्त में मैं अकादमी के संरक्षक माननीय श्री कमलबवणी सा. कासलीवाल का पाभारी हूं जिन्होंने पुस्तक पर एवं पकादमो की योजना पर दो सम्म लिये है। श्री कासलीवाल जी नगर के उद्योगपति ही नहीं है किन्तु प्रमुख समाज सेवी भी है। इसी तरह में प्रकावमी के अध्यक्ष माननीय श्री शांतिलाल जी जैन कलकत्ता का भी भाभारी जिन्होंने अपना संक्षिप्त वकव्य लिखा है। पाप युवा व्यवसायी है तथा धार्मिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में बराबर योगदान देते रहते है।
रा. कस्सूर काम कासलीवाल
जयपुर २ अक्टूबर १९९४