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________________ D मृबाराधना के विना ज्ञानादिक रहते नहीं पैसे ज्ञान, चारित्र, वीर्य और तप को सम्यक पना-सम्यग्दर्शनके विना प्राप्त होता नहीं इस लिये सम्यदर्शनको आधार माना है. आश्वास: गरस्स जह दुवारं मुहस्त चक्खू तमस्स जह मूल || तह जाण सुसम्मत्तं णाणचरणवीरियतवार्ण ।। ७२६ ।। सारं द्वारं पुरस्पेव बकस्येव विलोचनम् ।। मूलं महीरुहस्येव संज्ञानादेः सुदर्शनम् ।। ७६५ ।। बलानि नायकनेव शरीराणीव जंतुना। ज्ञानादीनि प्रवतेत सम्यक्त्वेन चिना कुतः॥ ७६६ ।। विजयोदया-गरस्स जह दुवार नगरस्य द्वारमिव नगरप्रवेशनोपायो यथा द्वार । तदा तथा सम्मत्तं सम्य कत्वं द्वारं । णागचरणवीरियतवाणं शानादीनां । एवं दिशानादीन्यनुपविष्टो भवति जीवो यदि परिणतो भवेत्सम्यक्त्वे तदंतरेण सम्यग्ज्ञानाद्यनुप्रयेशस्थासंभयात् । न हि सातिशयमवध्यादि, यथाख्यातं चारित्रं, चतरनिर्जरानिमित्त बा तपः प्रतिलभते जंतुः सम्यक्स्पं बिना । मुबस्स चक्खू जहा मुखस्य चक्षुर्यचा शोभाविधायि तथा हानादीनां सम्पत्य विधत्ते थडानं । तरुस्त मूल यथा तरोर्मूलं यथा स्थितिनिर्वधने, तथा सम्यक्त्वं ज्ञानादिस्थितिनिमित्तं । शानादीनि प्रति सम्यक्त्यस्य प्रवेशशोभावहत्व स्थिति निमित्तत्वानि वर्शयति मूलारा-दुवार द्वारण पौरजनो नगरमिव सम्यक्त्वेन ज्ञानादिषु प्रविशति जीयः। न सौ सातिशयमचच्यादिज्ञानं यथाख्यातचारिय बहुनरनिरानिमित्त वा प्रतिलभते जन्तुः सम्यक्त्वं बिना ।।। अर्थ--जैस द्वार नगरमें प्रवेश करनेका उपाय 3. वैसे सम्यग्दर्शन ज्ञान, चारित्र, बीर्य और तपका आ त्मामें प्रवेश होनेके लिये द्वारके समान है. अर्थात् जब आत्मामें सम्यक्त्वकी उत्पत्ति होती है तब उसमें ज्ञानादिकोंका भी प्रवेश होता है. सम्यक्त्वके बिना सम्यग्नान, तप, चारित्रादिकोंकी प्राप्ति होती ही नहीं. सम्यम्दशनकी प्राप्ति न होनेसे जीवको विशिष्ट अवध्यादिक ज्ञान, यथारूपातचारित्र, कर्मकी अतिशय निर्जरा करनेवाला तप प्राप्त होते ही नहीं. मुखको आखोंसे जैसा सौंदर्य प्राप्त होता है तथा ज्ञानादिकोंमें सम्यग्दर्शनसे सम्यक्पना प्राप्त होता है. जैसे शाहको मूलसे दृढता आती है वैसे ज्ञानादिकोंमें स्थिरता और दृढता सम्पग्दर्शनसे प्राप्त होती है.
SR No.090289
Book TitleMularadhna
Original Sutra AuthorShivkoti Acharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1890
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Philosophy, & Religion
File Size48 MB
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