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मूलाराधना
आवासः
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जह सीलरक्खयाण पुरिसाणं किंदिदाओ महिलाओ ॥ तह सीलरक्खयाणं महिलाणं जिंदिदा पुरिसा ॥ ९९४ ॥ किं पुण गुणसहिदाओ इच्छीओ अस्थि वित्थडजसाओ ।। जरलोगदेवदाओ देवेहिं वि वंदणिज्जाओ ॥ ९९५ ॥ तित्थयरचक्रधरघासुदेवबलदेवगणधरवराणं ॥ जणणीओ महिलाओ सुरणावरेहि महियाओ ।। २९६ ॥ एगपदिव्बइकण्णावयाणि धारिति कितिमाहलाओ। बेधव्यतिवदुक्खं आजीवं णिति काओ वि ।। ९९७ ।। सीलवदीवो सुच्चति महीयले पचपाडिहेराओ । सावाणुग्गहसमत्थाओ वि य काओव महिलाओ. ॥ ९९८ ॥ उग्घेण ण बूढाओ जलतघोरग्गिण ण दवाओ ।। सप्पेहिं सावज्जेहिं वि हरिदा खद्धा ण काओ वि ९९९ ॥ सत्वगुणसमग्गाणं साहुणं पुरिसपवरसीहाणं ॥ चरमाण जणणित्तं पत्ताओ हवंति काओ वि ॥ १...।। मोहोदयेण जीवो सव्वो दुस्सीलमइलिदो होदि । सो पुण सम्बो महिला पुरिसाणं होइ सामण्णा ॥१००१ ।। तह्मा सा पल्लवणा पउरा महिलाण होदि अधिकिच्चा ॥ सीलबदीओ भणिये दोसे किह णाम पार्वति ।। १०.२ ।। इथिगदा