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________________ मूलाराधन आवाए विजयोदया-पासी अन्थम्स अर्थस्य नाशः देवस्य क्षयः । दुर्गर्मार्गः। अनर्थस्य कुल्या । दोषाणां प्रभवः।। मूलारा--आवाहो गयादीनां जलपानम्थानं कुल्येत्यपरः । पत्राहो प्रवेशः ॥ अर्थ-स्त्री धननाशका कारण है. देहमें क्षयरोग उत्पन्न करती है. दुर्गतिका माग है और अनर्थाका नित्राम है और दोर्षोंकी उत्पत्तिम्धान है. earni mw .. महिला विग्घो धम्मम्स होदि परिहो य मोक्खमग्गस ।। दुक्खाण य उप्पत्ती महिला सुक्खाण य विवत्ती ।। ९८५ ॥ अखत्यानां गृहं पाषा नाचमानां यधुंधरा ।। कटारी धर्मवृक्षाणां सिन्द्रिसोधपदार्गला !॥ १.०३ ॥ दोषणाबालयो मा मीनानाभिन नादिनी ।। गणानां नाशिका नाश नानाविन जायते ।। १००४ ।। मिपान - जमा सिम्मीकिना बिनानिमाम्य । परियोमोसमागम्य । पानांचोग - सामाना । मृदाग--पति पति। 'अरेत्यर्थः । विवगी चिंगा: ।। अर्थ-सी धर्माचरण में विप्न समान है. मोशमागम यह अगलाके समान प्रतिबंधक है. दःखोंकी उत्प. विधान है और मुखों का नाश करनवाली है.. mammar-e-..-.. Amir..- ... ... ... पालो व वंधिदै ज छेनु महिला असीच पुरिमास ॥ सिलं द विधि९ जे पंकोब निमजिटुं महिला ॥ ९८६ ।। पंधने महिला पाशः बगः पुंसां निकर्तने ॥ छदने निशितः कुतः पंकोमाधो निमज्जने ।। १०.५ ।। विजफोदयापासोब वंचिद् जे पाश इव पंधित । सुगमा गाथा अमादरो व्याख्याने ।।
SR No.090289
Book TitleMularadhna
Original Sutra AuthorShivkoti Acharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1890
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Philosophy, & Religion
File Size48 MB
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