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________________ मूलाचार प्रदीप ] ( २८२) [षष्ठम अधिकार होता है, किसी प्रकार की ग्लानि नहीं होती, शास्त्रज्ञान को वृद्धि होती है, ध्यानकी वृद्धि होती है और भोजन न करने से जो परिश्रम होता है वह भी नहीं होता। इस प्रकार इस तपश्चरण के गुणों को जानकर चतुर पुरुषों को अपने ध्यान की सिद्धि के लिये अपने ग्रासों की संख्या घटाफर अवमोदर्य नामके निर्दोष तपश्चरणका पालन करते रहना चाहिये ।।१८०५-१८०६॥ बृत्तिपरिसंख्यान सपका स्वरूपमतुःपयायवीभ्येकगहादिपाटकैः परैः । नानावग्रहसंकल्पातमोजन भाजनैः॥१८०७॥ दुष्प्राप्याहारसंप्राप्त्य या प्रतिज्ञात्रगृह्यते । तवृत्तिपरिसंख्यानं बहुभेदं तपोमहत् ।।१८०८।। प्रयं-मैं चौराहे पर आहार मिलेगा तो लगा इस मार्ग में वा इस गली में आहार मिलेगा तो आहार लगा एक पहले ही घर में प्राहार मिलेगा तो लूगा अथवा धाता ऐसा होगा उसके पात्र वा भोजन पात्र ऐसे होंगे तो आहार लगा नहीं तो नहीं। इसप्रकार कठिनता से प्राहार प्राप्त होने के लिये प्रतिज्ञा कर लेना अथवा इसप्रकार पडगाहन होगा तो आहार लगा नहीं तो नहीं, इसप्रकार की प्रतिज्ञा कर लेना वृतिपरिसंख्यान तप है यह तप सर्वोत्कृष्ट है और इसके अनेक भेद हैं ॥१८०७-१८०८।। वृत्तिपरिसंख्यान तपका फल, उसे धारण करने की प्रेरणालपसानेन भायेत धीरस्वंयोगिनां परम् । प्राशान्तरायकरिणप्रणश्यस्ति व लौल्यताः ॥१८०६।। इत्याचस्य फलं मत्वादुर्लभाहार निबये । चतुःपपाविभि(रा: प्रतिज्ञामाचरन्तु भोः ।।१८१०।। अर्थ-इस तपश्चरण से योगियों में धोरवीरता उत्पन्न होती है, आशा और अन्तराय कर्म नष्ट होते हैं तथा लोलुपता नष्ट होती है । इसप्रकार इस तपके फल को समझकर धीर वीर पुरुषों को कठिमता से प्राहार प्राप्त करने के लिये ऊपर कहे अनुसार चौराहे आदि पर आहार लेने की प्रतिमा अवश्य करनी चाहिये ।।१८०६. १८१०॥ रस परित्याग तपका स्वरूपवषिदुग्धगुडाना व रसाना ससपियोः । लवणल्य कषायाम्लमपुराणजितेन्द्रियः ॥१८११॥ तिक्तस्य कटकल्पापि त्यागो गः क्रियतेजिनः । उक्त रसपरित्यागं तत्तपोक्षमान्तकम् ।।१८१२।। -इन्द्रियोंको जीतने वाले मुनिराज जो दही, दूध, गुड़, तेल, धौ, लवण, कवायला, खट्टा, मीठा, कश्या, तीखा आदि रसों का त्याग कर देते हैं उसको इन्द्रिय
SR No.090288
Book TitleMulachar Pradip
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages544
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Philosophy, & Religion
File Size14 MB
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