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________________ मूलाचार प्रदीप] ( १२३ ) [तृतीय अधिकार किसी वनमें अचल और ध्यानमें लीन होकर उत्कृष्ट सामायिक करने के लिये खड़ा था। उसी समय किसी के बाणसे घायल हुआ कोई हिरण उस श्रावकके दोनों पैरों के बीच में प्रा पड़ा। उस समय वह हिरण अत्यंत दुःखी होकर चिल्ला रहा था और उसी वेदना से यह घोड़ी ही देर में वहीं मर गया तथापि वह बुद्धिमान श्रावक अपने सामायिफसे रंचमात्र भी चलायमान नहीं हुया । इस भावलिंगी गृहस्थको कथा शास्त्रों में लिखी है वहां से जान लेनी चाहिये ।।७५१-७५३।। २२ तीर्थंकरों ने छेदोपस्थापना का उपदेश क्यों नहीं दियाप्रजिताधाश्च पान्तिा द्वाविंशति जिनेश्वराः। विशन्ति मुक्तये वाण्या सामायिकंकसंयमम् ॥ छेदोपस्थापन नैष यतोमीषां महाधियः स्वभायेन मुशिष्यौः स्युः निष्प्रमादा जितेन्टियाः ।।७५५।। ____ अर्थ-भगवान अजितनाथ से लेकर भगवान पार्श्वनाथ तफ बाईस तोयंकरों ने अपनी दिव्यध्वनि से मोक्ष प्राप्त करने के लिये एक सामायिक नामके संयम का ही उपदेश दिया है। इन बाईस तीर्थकरों ने छेवोपस्थापना नामके संयम का उपवेश नहीं दिया है। इसका भी कारण यह है कि इन बाईस तीर्थंकरों के श्रेष्ठ शिष्य स्वभाव से ही महा बुद्धिमान थे, प्रमाद रहित थे और जितेन्द्रिय थे ।।७५४-७५५॥ प्रथम तीर्थकर तथा अंतिम तीर्थंकर का उपदेपरसामायिकं च छेदोपस्थापनं संयम परम् । माहतुवनिना मुक्त्यै ह्याधान्तिमजिनाधियो ।।७५६।। अर्थ-प्रथम तीर्थंकर भगवान वृषभदेव ने तथा अंतिम तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी ने अपनी दिव्यध्वनिके द्वारा मोक्ष प्राप्त करने के लिये सामायिक और छेदोपस्थापमा इन दोनों संयमों का उपदेश दिया है ॥७५६॥ इसका कारणयतः श्री वृषमेशस्य सुशिष्मा ऋजुबुद्धयः । सम्मतेः काल दोषेण सदोषामंदबुद्धमः ॥७५७।। अर्थ-इसका भी कारण यह है कि भगवान वृषभदेव के शिष्य सरल बुटिको धारण करनेवाले थे और भगवान महावीर स्वामी के शिष्य कालवोष से सवोष थे और मंद बुद्धि को धारण करनेवाले थे ।।७५७॥ उसी कारण का और अधिक विस्तारजुर्मवस्वभावास्ते योग्यायोग्यंग्यतिक्रमम् । व्यक्त सब मनानन्ति विस्तरोक्त्याविनाभवि ।। तस्माञ्चकारणात्तोंद्वाचतुःश्रीनिमाभियो। अनुग्रहाय शिष्याणां संयमो द्वौ शिवाप्तये ।।७५६।।
SR No.090288
Book TitleMulachar Pradip
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages544
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Philosophy, & Religion
File Size14 MB
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