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________________ सो"यह लेखनी तुलना करने बैठी और और लकी : ऊपर अणु की शक्ति काम कर रही है तो इधर नीचे मनु को शक्ति विद्यमान ! ऊपर यन्त्र है, घुमड़ रहा है नीचे मन्त्र है, गुनगुना रहा है एक मारक है. एक तारक; एक विज्ञान है जिसकी आजीविका तर्कणा हैं, एक आस्था हैं जिसे आजीविका की चिन्ता नहीं, एक अधर में लटका है उसे आधार नहीं पैर टिकाने, एक को धरती की शरण मिली है। यही कारण है, ऊपर वाले के पास केवल दिमाग़ है, चरण नहीं हो सकता है दीमक खा गये हों उसके चरणों को"! नीचे वाला चलता भी है प्रसंग पर ऊपर भी चढ़ सकता है; हाँ ! ऊपरवाले का दिमाग़ चढ़ सकता है। जिस समय वह विनाश का, पतन का पाठ ही पढ़ सकता है। यह भी सर्व विदित है कि प्रश्न-चिह्न ऊपर ही मूक भाटी : 249
SR No.090285
Book TitleMook Mati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyasagar Acharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages510
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size4 MB
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