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प्रेषित करती रहती पर, पर क्या इस नासा में वह कहाँ आस जगा पाती?
विस्मित लोचन वानी सस्मित अधरों वाली वह इन लोचनों तक कुछ मादकता, कुछ स्वादकता सरपट सरकाती रहती हैं हाव-भाव-भंगों में नाच नाचती रहती हैं
हमारे सम्मुख सदा सलील! प्रायः यही देखा गया है
ललाम चाम वाले घाम-चाल वाले होते हैं बाहर से कुछ विमल-कोमल रोम वाले होते हैं
और भीतर से कुछ समल-कठोर कौम वाले होते हैं।
लोक-ख्याति तो यही है
कामदेव का आबुध फूल होता है
और महादेव का आयुध शूल। एक में पराग है सघन राग है जिस का फल संसार मिलता है
मूक पाटी :; 101