________________
62 1
महाकइपुप्फयंतविरवर महापुराणु
मंजीररावराहियपयाउ
सत्त वि भणति भो भो" वसिद्ध किं उग्गसेणकुलपलयकालु किं महुर जलणजालालिजलिय" ता चवइ दियंबक भिण्णगुज्झु कडिसुत्तयघोत्लिरकिंकिणीउ उत्सव महिमंडन्ति यत्ति पडिउ
तवसिद्धउ आयउ देवयाउ । दूरुज्झियदूदुडति । पाय हुं णिविदुक्किय करालु" । दक्खालहुं" तुह महिबलयघुलिय । जम्मंतर पेणु करहु मज्झु । तं इच्छिवि गयीय जक्खिणीउ । पुणु रोणियाणवसेण पडिउ ।
पत्ता - मुणि दुम्मइ नियमणि तम्मइ उग्गसेणु अइसंधमि । कुलमद्दणु " एयहु णंदणु होइवि एहु जि बंधमि ॥2॥
(3)
मुउ सो पोमावइगभि थक्कु पियहिवयमाससद्धालुवाइ उ अक्खि भत्तरहु सईइ कारिमउ विणिम्मिउ उग्गसेणु भक्खि विरमणहु देहमासु
णं णियतायहु जि अक्कालचक्कु । झिज्जतियाइ सुललियभुयाइ । बुड्ढेहिं मुणिउं णिउणइ मईइ । फाडिउ णं सीहिणिए करेणु । उप्पण्णउ पुत्तु सगोत्तणासु ।
[84.2.9
10
15
9. हो हो। 10. A शिवदुक्खय: । 11. ABP 'जालोलि । 12.5 बखान। 13. A कुलमंडणू ।
( 3 ) 1 A 'तायहु जिसकालचक्कु B "तायडो जि अकात 5 "तायहो अक्काल । 2. 11 सो फाड़िउ णं सीहिणिए, S फालिज |
5
में वह तपस्वी जल उठे और मन से अत्यन्त खिन्न हो उठे। तब नूपुरों की ध्वनि से शेभित पैरोंवाली सात तपसिद्ध देवियाँ आयीं और वे सातों बोलीं- "दुष्ट तृष्णा को दूर से छोड़नेवाले हे वशिष्ठ मुनि ! क्या हम लोग सघन दुष्कृतों से भयंकर उग्रसेन के कुल के लिए प्रलय की रात का काल उत्पन्न करें या आग की ज्वाला में जलती हुई धरतीतल में मटियामेट कर दिखाऊँ ? तब जिसका अन्तरंग परिणाम नष्ट हो चुका है, ऐसे दिगम्बर मुनि बोले कि तुम जन्मान्तर में मेरी आज्ञा मानना । तब कटिसूत्र की हिलती हुई किंकणियोंवाली वे यक्षणियाँ चली गयीं। वह मुनि की शीघ्र क्रोधरूपी ज्वाला के वश से प्रबंचित होकर धरती - मण्डल पर गिर पड़ा।
धत्ता - दुर्मति वह मुनि अपने मन में खेद करते हैं कि मैं इस उग्रसेन को वंचित करूँगा। मैं इसका कुल नाशक पुत्र होकर इसी को बन्धन में डालूँगा ।
( 3 )
वह मरकर पद्मावती के गर्भ में स्थित हो गया मानो अपने पिता के लिए ही अकाल चक्र हो। अपने पिता के प्रिय हृदय के मांस खाने की इच्छा रखनेवाली दिन-दिन क्षीण होती हुई सुन्दर बाहुवाली उस सती ने अपने पति से यह बात नहीं कही। लेकिन वृद्ध मन्त्रियों ने अपनी बुद्धि से यह जान लिया। उन्होंने एक कृत्रिम उग्रसेन बनाया। उसे उसने इस प्रकार फाड़ा जैसे सिंहनी हाथी को फाड़ दे। उसने इस प्रकार अपने