________________
83.11.153
[ 47
महाकइपुष्फयंतबिरयज पहापुराणु कण्णाणिलचालियधरणीरुहु' गजणरवपूरियदसदिसिमुहु। मयजलमिलियघुलियमहुलिहचलु उग्गसरीरगंधगयगयउलु। गुरुकुंभयलपिहियपिहुणहयलु णियबलतुलियदिसामयगलबलु। तं अवलोइवि वीरु ण संकिउ "बहिबहिसदें कुंजरु कोक्किउ। जा पाहाणु ण पावइ मुक्कउ ता करिणा सो गहिउ गुरुक्कउ। करकलियउ' वियलियगवदेहहु उवरि भमइ तडिदंडु व मेहहु । वंसारुहणउं करइ सुपुत्तु व खणि करणहिं संमोहइ धुत्तु व। खणि ससि जेंव हत्थु आसंघइ खणि विउल्लई कुंभयलई लंघइ। खणि चउचरणंतरिहिं विणिग्गइ खणि हक्कारइ वारइ वग्गइ। दंतणिसिक्किय मुहं ण वियाणई कालें अप्पाणउं संदाणइ । जित्तउ वारणु जुवयरिदै णं मयरद्धउ परमजिणिदें।
घत्ता-गववरखंधारूदु दिवउ खेयरपुरिसें। ___ अंधकविद्विहि पुत्तु उच्चाएवि' सहरिसें ॥1॥
__10
15
झुका दिया था, कानों की हवा से जिसने धरती के वृक्षों को हिला दिया था, गर्जना के शब्दों से दसों दिशाओं को आपूरित कर दिया था, जो मदजल से मिश्रित भ्रमण करते हुए भ्रमरों से चंचल था, जिसके शरीर की उग्रगन्ध से गजकुल भाग गया था, जिसने विशाल गण्डस्थल से विशाल आकाश को आच्छादित कर लिया था, अपनी शक्ति से जिसने दिग्गजों के बल को तोल लिया है, ऐसे उस महागज को देखकर वह वीर बिल्कुल भी शंकित नहीं हुआ। 'बहि बहि' शब्द कहकर उस हाथी को बुलाया। जब तक वह मुक्त पाषाण नहीं छोड़ पाता, तब तक उस हाथी ने उन्हें पकड़ लिया। रॉड से गृहीत विगलित गजदेह पर वह ऐसे मालूम हो रहे थे, जैसे मेघों के ऊपर विद्युत्दण्ड घूम रहा हो। वह (वसुदेव) सुपुत्र की तरह वंशारोहण (पीठ के बाँस पर आरोहण, वंश की उन्नति) करता है, एक क्षण में आवर्तन-विवर्तन-प्रवेशन आदि करणों से धूर्त के समान सम्मोहित करता है। एक क्षण में चन्द्रमा के समान हस्त (हस्त नक्षत्र, सूंड का अग्रभाग) पर आश्रित होता है, क्षण में विशाल कुम्भतल का उल्लंघन करता है, एक क्षण में चारों पैरों के नीचे से निकल जाता है, एक क्षण में हुंकारता है, आक्रमण करता है और क्रुद्ध होता है। यह दाँतों में से निकलकर मुख को नहीं जान पाता। दूसरे क्षण में वह (हाथी) अपने को बन्धन में डाल लेता है। उस युवा नरेन्द्र ने गज को जीत लिया, मानो कामदेव को जिनेन्द्र ने जीत लिया हो। ___ घत्ता-एक विद्याधर पुरुष ने उसे हाथी की पीठ पर बैठा हुआ देखा। वह अन्धकवृष्णि के पुत्र को हर्षपूर्वक ले उड़ा।
3. B "कह। 4. AP "दिसिबहु। 5. P गलबसु। 6.5 बहे रहे। 7.A करकलिउ8 करकलिक।.Sणरेंदें। A. Hउच्चाइवि। 10. A सह हरिसें।