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महाकइपुष्फयंतविरयउ महापुराणु
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(16) सहि संखाऊरणणिग्गएण
णाएण सणाइणिसंगएण। पव्यालंकिउ जवलच्छिवण्णु धणु दिण्णउं कामहु चित्तवण्णु। बहुरूवजोणि णरवरविमद्द अण्णेक्क कामरूविणिय मुद्द' । जोएवि दुवालिई लोयणे? थामें कंपाविउ तरुकविछ। तहिं गयणंगणगमणउ चुयाउ लइयाउ कुमार पाउयाउ। सुविसिष्ठुइट्ठपावियसिवेण'
पुणु तूसिवि पंचफणाहिवेण । ढोइय हरिपुत्तहु पंच बाण णंदयधणुजोग्गा उहयमाण। तप्पणु पुणु तावणु मोहणक्खु विलवणु मग्गणु हयवइरिपक्छु। पंचमु सरु मारणु चित्तविउडु ओसहिमालइ सहुं दिण्णु मउडु। चलचमरजुयलु सेयायवत्तु णं सिरिणवभिसिणिहि सहसवत्तु । गुणरंजिएण जसलपडेण
खीरवणणिवासें मक्कडेण । कद्दवमुहिवाविहि' णायवासु दिण्णउ एयह रिउदिण्णतासु । तहु संपय पेच्छिवि भायरेहि तिलु तिलु झिज्जतकलेवरेहि। "पच्छण्णजणियकोबाणलेहि।। पुणरवि पडिचोइउ हयखलेहिं"। जइ पइसहि तुहं पायालवावि तो तुह सिरि होइ. अउव्य का वि।
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( 16 ) वहाँ शंख बजाने से अपनी नागिन के साथ निकले हुए नाग ने पर्यों से अलंकृत, विजयलक्ष्मी से परिपूर्ण चित्रवर्ण नामक धनुष कामदेव (प्रद्युम्न) के लिए प्रदान किया तथा एक और अनेक रूपों की योनि, श्रेष्ठनरों का मर्दन करनेवाली कामरूपिणी मुद्रिका दी। नेत्रों के लिए प्यारा कवीट (कैंथ) का वृक्ष देखकर दुःसाहस करनेवाले उसने अपनी शक्ति से हिला दिया। वहाँ आकाश के आँगन में चलनेवालीं गिरी हुई दो पादुकाएँ कुमार ने ग्रहण कर लीं। फिर सुविशिष्ट इष्ट को सुख देनेवाले पाँच फनवाले नागराज ने सन्तुष्ट ।
कृष्णपुत्र के लिए पाँच बाण दिये, जो फल और मान के विचार से नन्द्यावर्त धनुष के योग्य थे। तपन, फिर फिर मोहनाक्ष, फिर विलपन, जो शत्रुपक्ष का संहारक था। पाँचवाँ बाण मारण बाण था जो चित्त की तरह “विपुल था। फिर, क्षीरवन में रहनेवाले यश के लम्पट और गुणी व्यक्ति से प्रसन्न होनेवाले वानर ने औषधिमाला के साथ मुकुट दिया। चंचल दो चमर तथा श्वेत चँदोवा दिया जो मानो श्रीरूपी नवकमलिनी का सहस्रदल हो। उसके बाद उसे कदम्बमुखी बावड़ी के द्वारा शत्रु को त्रास देनेवाला नागपाश दिया गया। उसकी सम्पत्ति देखकर तिल-तिल जलते हुए शरीरवाले तथा प्रच्छन्न रूप से भड़क रही है कोपरूपी ज्वाला जिनमें ऐसे दुष्ट भाइयों ने पुनः उसे प्रतिप्रेरित किया-"यदि तुम पाताल बावड़ी में प्रवेश करोगे, तो तुम्हें कोई अपूर्व श्री प्राप्त होगी।"
(16) I.P मुद्दे । 2. P दुआलिए 5 दुचालिए। 3. APS लोयणि? । 1. APS "इसियसिवेण। 5. ABP जोग्गाउहपहाण | 6. B मोहसक्नु।।, "जुवल। ४. BPS मंकहेण । .A कद्दममहि । 10. ADPS जलिय | 11.Aणलेण। 12.A खलेण।