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महाकइपुष्यंतविरयउ महापुराणु
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दुबई - 'हयसंणाहदेहणिव्वट्टियलोट्टियतुरयसंकडे" ।
के वि समोवइति पडिभडथडि विरसियतूरसंघडे ॥छ॥ एक्कमेक्क पहरंतहं कुद्धहं । कढकदंतु सोसिउ सोणियदहु । पक्खरचमरई चिंधई छत्तरं । महुमहबलु दसदिसिवहणजं । हणु भणंतु सई' धाइउ केस । सारई दारइ मारइ जूरइ । ers as चिहुइ विणिवारइ । संघट्टर लोट्टई आवट्टई । खंच कुंचइ " लुंचइ वंचइ । रूसइ दूसइ पीलइ हूलइ " । रोes मोहइ" जोहर साहइ ।
संधावर records Bp 1. 15 अकाल
जयसिरिरामालिंगणलुद्ध असिसंघट्टणि उडिउ हुयवहु दसविदिसासइं तेण पलित्तई ता पडिवक्खपहरभयतट्ठउं पोरिस गुणविंभावियदासउ णरहरि तुरय रहिण" संचूरइ धीरइ हक्कारइ पच्चारइ दमइ रमइ परिभमइ पयट्टइ सरइ धरइ अवहरइ ण संचइ उल्लालइ वालइ ? अप्फालइ " fes संखोहइ आवाहड़
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जिसमें कवचों के नष्ट हो जाने से विघटित और लौटते हुए अश्वों का संकट है तथा मृदंग समूह बज रहा है, ऐसी प्रतियोद्धाओं की टोली में कितने ही योद्धा गिर पड़ते हैं। विजयलक्ष्मीरूपी रमणी के आलिंगन के लोभी एक-दूसरे पर प्रहार करते हुए अत्यन्त क्रुद्ध योद्धाओं की तलवारों के संघर्षण से आग निकली और उसने कड़कड़ करते हुए 'रक्त सरोवर' को सोख लिया। उससे दिशा-विदिशाएँ, कवच, चमर, चिंघ बिखर और छत्र, प्रज्वलित हो उठे। तब प्रतिपक्ष के प्रहार के भय से त्रस्त कृष्ण की सेना दशों दिशापथों गयी। (उस समय ) अपने पौरुष गुण से देवेन्द्र को विस्मित करनेवाले केशव 'मारो, मारो' कहते हुए दौड़े। नरश्रेष्ठ वह घोड़ों रथों को चूर-चूर करते हैं, हटाते हैं, प्रहार करते हैं, विदीर्ण करते हैं, मारते हैं, पीड़ित करते हैं, धीरज बँधाते हैं, हकारते हैं, पुकारते हैं, हनन करते हैं, घाव करते हैं, धुनते हैं, निवारण करते हैं, दमन करते हैं, रमते हैं, घूमते हैं, प्रवृत्ति करते हैं, संघर्ष करते हैं, लौटते हैं, घुमाते हैं, चलते हैं, पकड़ते
अपहरण करते हैं। घुमाते हैं, चलते हैं, पकड़ते हैं, संकुचित करते हैं, ले जाते हैं, वंचित करते हैं। ऊँचा फेंकते हैं, मोड़ते हैं, आस्फालित करते हैं। क्रुद्ध होते हैं, दूषण लगाते हैं, पीड़ित करते हैं, शूल घुसेड़ते हैं, अवलोकन करते हैं, आह्वान करते हैं, घिराव करते हैं, मुग्ध करते हैं, देखते हैं, कहते हैं, झूलती हुई सघन
( 8 ) 1 A विडिय । 2. B लुट्टिय; P 'लोहिय। 3. 3 'तुरसंडे 4. P "दिसिवहे; 5 "टिसबह 5.5 नवविय6. S श्वास 7. AP केस 9 AP सो नरहरि तुमहिं (P तुरयहं) संयूरह B Als गरकरि though Als. thinks that क is written in second hand: कर इति वा पाठ: T also records pरकर रि ) इति था पाटः 10 5 रहे। 1. ABS बुंचइ 1 कॉचई। 12. A चालह । 14 लहर 15. 5 जोहर मोडड।