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81.12.9]
महाकइपुष्फयंतबिरयउ महापुराणु अहिसिंचिवि जिणपडिमाउ तेण भावें पुज्जिवि अवराइएण। बहुदीणाणाहह" दाणु देवि घरपुत्तकलत्तइं परिहरेवि। इंदियकसायमिच्छत्तदमणु किउ मासमेत्तु पाओयगमणु' । मुउ उप्पण्णउ अच्चुयविमाणि बावीसजलहिजीवियपमाणि। घत्ता-तेत्थ ओयरिवि'" इह भरहखेत्ति विक्खायउ' । कुरुजंगलविसए पुणु हथिणायपुरि जायउ ॥11॥
(12) सिरिचर्दै सिरिमइयहि तणूउ णिरुवमतणु 'कुरुकुलनृवविणूउ । गुणवच्छलु णामें सुप्पइछु प्रिउ णंदादेविहि 'प्राणइछु । "तहु रज्जु देवि हुउ सो महीसु सिरिचंदु सुमंदिरगुरुहि सीसु। णीसंगु णिरंबरु वणि पइठ्ठ जहिं सिरि अणुहुंजइ सुप्पइर्छ । तहिं जसहरु रिसि चरियइ पवण्णु राएं पय धोइवि दिण्णु अण्णु। तहिं तासु भवणपंगणगयाई अच्छरियई पंच समुग्गयाई। कालें जंतें पिहुसोणियाहिं कीलंतु समउं रायाणियाहिं। पस्थिउ अवलोयइ दिसउ' जाम णिवइति णिहालिय उक्क ताम। चिंतइ णरवइ णिवडिय जलंति गय उक्क खबहु जिह पउ" करति।
में अपनी तृप्ति छोड़ दी। उसने जिनप्रतिमा का अभिषेक कर, भाव से उसकी पूजा कर, बहुत से दीन अनाथों को दान देकर, घर, पुत्र और कलत्र का परित्याग कर, इन्द्रिय-कषाय और मिथ्यात्व का दमन करनेवाला एक माह का कायोत्सर्ग किया। मरकर वह अच्युत विमान में उत्पन्न हुआ। वहाँ बाईस सागर प्रमाण जीवन बिताकरधत्ता-वहाँ से अवतीर्ण होकर इस भरतक्षेत्र के कुरुजांगल देश के हस्तिनापुर नगर में विख्यात हुआ।
(12) श्रीचन्द्र से श्रीमती का पुत्र अनुपम शरीर, कुरुकुल के राजा के द्वारा संस्तुत, गुणवत्सल सुप्रतिष्ठ नाम का था। नन्दादेवी का प्रिय और प्राणों का इष्ट। वह राजा श्रीचन्द्र उसे राज्य देकर सुमन्दिर गुरु का शिष्य होकर अनासंग और दिगम्बर रूप में वन में चला गया। सुप्रतिष्ठ श्री का भोग करने लगा। वहाँ यशोधर मुनि चर्या के लिए आये। राजा ने चरण धोकर आहार-दान दिया। वहाँ उसके आँगन में पाँच आश्चर्य उत्पन्न हुए। समय बीतने पर स्थूलकटि वाली स्त्रियों के साथ रमण करते हुए जब वह दिशा की ओर देखता है, तभी एक तारे को गिरता हुआ देखता है। प्रचलित होकर गिरती हुई उल्का को देखकर राजा सोचता है-जिस
13. Sणाहहुँ। 14. AP पाओगमणु। 15. B तित्यहो। 16. S उयरेवि। 17.P विक्खायओ।
(12) 1. P कुयलयणिवविणूसओ 1 2. AB गुणि बलु। 3. A पृयणंदा B प्रिय; P पिय: Als. प्रियदा 15. AP पाणइछु। 5. B सो हुल: Pहुओ; S रहो but gloss सुप्रतिष्ठस्य। 6. Hघोविनि। 7.AP पंगणे कयाई। 8.9 अवलोवइ। 9. A दिसिट। 10. Aणिवत। 1. AP पउरकति।