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महाकइपुप्फयंतविरयउ महापुराणु
अक्खिय णियभायहु' एह वत्त दिंडी कुमारि णहयर" जिवंति चिंतागइ भासइ सोक्खखाणि लइ मुयहि माल 12 विम्हियमणार" विरपिणु तुहं पावहि ण जाम तं वयणु ताइ पडिवष्णु तेंय "केसरिकिसोरखयकंदरासु सूरप्पहतगाएं" धरिय माल
जिहु ।
तास तेण वि कय तहं विजयजत्त । अमरायलापासहिं" परिभमंति । हलि वेयवंति कलहंसवाणि । सुरसिहरिहि तिणि पयाहिणाउ । हउं पंकयच्छि ध्रुवु धरमि ताम । थिय गयणंगणि जोयंत देव । लहु देवि तिभामरि मंदरासु । ॥ गइवेएं णिज्जिय खयरबाल ।
छत्ता - उत्तरं सुंदरिइ पई मुड़वि ण को वि महारउ । दिठु अदिट्टु तुहुं चिंतागइ कंतु महारउ ॥ 8 ॥
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ता भणिउं तेण मारुयजयेहिं
पई जित्ता' ए इह धावमाण जो रुच्चइ सो महुं अगुउ कंतु मणसियसरजालणिरुद्धियाइ
अहिलसिय कण्ण' तुहु बंधवेहिं । थिय कायर असहियकुसुमबाण | करि एवहिं एहु जि तुज्झ मंतु । तं णिसुणिवि बोल्लिउं मुद्धियाइ ।
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धारिणीबाला से उत्पन्न मनोगति और चपलगति नाम के पुत्रों ने यह बात अपने भाई से कही । तब उसने भी वहाँ के लिए 'विजययात्रा' की। सुमेरु पर्वत के चारों ओर परिक्रमा देते हुए विद्याधरों को जीतते हुए उसने कन्या को देखा । चिन्तागति बोला- “हे सुख खान तथा कलहंस के समान मधुर बोलनेवाली वेगशीले ! लो माला छोड़ो, जब तक तुम उसे नहीं पातीं तब तक मन को विस्मय में डालनेवाली सुमेरु पर्वत की तीन प्रदक्षिणाएँ कर मैं उसे धारण करता हूँ ।" उसने यह वचन, इसी रूप में स्वीकार कर लिया। देवता देखते हुए आकाश में स्थित हो गये। सिंहशावकों से क्षतविक्षत गुफाओंवाले मन्दराचल की शीघ्र तीन प्रदक्षिणा देकर सूर्यप्रभ के पुत्र ने माला ग्रहण कर ली। उसने अपने गतिवेग से विद्याधर कन्या को जीत लिया। घत्ता- सुन्दरी ने कहा- ' - "तुम्हें छोड़कर और कोई हमारा नहीं है। चिन्तागति ! तुम दृष्ट- अदृष्ट मेरे पति
हो ।"
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तब उसने कहा - "हे कन्ये पवन के समान वेगवाले मेरे भाइयों के द्वारा तुम चाही गयी हो। इस प्रकार दौड़ते हुए ये दोनों तुम्हारे द्वारा जीते गये कामबाण को नहीं सह सकने के कारण कायर हो गये हैं। जो तुम्हें अच्छा लगे, मेरे उस छोटे भाई से तुम विवाह कर लो। इस समय मेरा तुम्हारे लिए यही परामर्श
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मायहि HAP तो 9 AP ताह किय 10. P बरे 11. P पासेहिं 12. BP विभिय। 13. P "भणाओ 1 14. ABP घुउ। 15. AP जोयंति 1 !6. B "किसोरु: S केशर्तिकेशांर
17. A सुप्पहताएं 1B B गयवेएं।
(9) 1. कण्णे । 2. A प
जिताई जि इह पलवमाण: IB जित्ता ए धावंतमाण; P जित्ता ए इह घावंतमाणः T पलायमाण धावन्ती 9. B सुज्नु
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