SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 223
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 78.13.4] महाका-पुप्फर्यत-दिराम महापुराणु भमियकबंधइणिवडियचिंधइ। महिचुयलुयभुइ ता तहिं संजुइ । कयवीराहवि मेइणिराहवि । बहदाराहवि लग्गउ राहवि। भोसणु रावणु परभारावणु। रंजियसुरसह बे वि महारह । रणभरधुरखम बे वि सविक्कम । पडिहरि हलहर धवलियकुलहर । बेवि महाजसणं आसीविस । फणिकालाणण णं पंचाणण। हिमसमतमतणु आयड्ढियधणु। पत्ता-कंपावियजलथल छाइयणयल रणि मेलावियअमरयण ॥ सहरिस गलगज्जिय खयभयवज्जिय णा दिसागय कुइयमण ।। 1 21 13 दुवइ-रावण राम बे वि जुज्झति सुरोसवसा महाभडा ।। छुडु छुडु ढुक्क मुक्क बाणावलि छुडु छुडु छिष्ण वयवडा ॥छ।। छुडु छुडु गाणाजाणई भिषणई छुड़ छुड धवलई छत्तई छिण्णई। छुडु' णरमंडखंडमंडिय महि छुड़ गय घट्टिय लोट्टिय' सारहि । काएं गिर रही हैं, धरती पर कटी हुई भुजाएं पड़ी हुई हैं, ऐसे उस युद्ध में-जिसने वीरों का आह्वान किया है, जो धरती की शोभा की रक्षा करने वाले हैं, जिन्होंने अनेक द्वारों की रक्षा की है, ऐसे राम के साथ रावण लग गया (भिड़ गया) 1 रावण भीषण था, शत्रुओं को मारने वाला था। वे दोनों महारथी सुर सभा को रंजित करने वाले थे। दोनों रणभार उठाने में सक्षम और पराक्रम से सहित थे। रावण और राम जैसे धवल मंदराचल हों। दोनों ही महायशस्वी मानो सांप हों। नाग जैसे काले मुखबाले थे। मानो सिंह थे। हिम और अंधकार के समान शरीर वाले अपने धनुष ताने हुए पत्ता-जिन्होंने जल-थल को कंपा दिया है, आकाश थल को आच्छादित कर दिया है, और युद्ध में देवों को इकट्ठा किया है, ऐसे वे दोनों स्वाभिमान से गरजते से हुए, क्षय भाव से रहित जैसे कुपितमन दिग्गज थे। (13) अत्यन्त क्रोध के वशीभूत होकर महाभट राम और रावण आपस में युद्ध करते हैं। वे शीघ्र ही बढ़े और बाणावली छोड़ी। शीघ्र ध्वज छिन्न हो गए । शीघ्र नाना यान छिन्न-भिन्न हो गए। धवल छत्र कट गए। शीघ्र धरती मनुष्यों के धड़ों के खंडों से पट गई। शीघ्र ही रय चकनाचूर 2. P आसाविस । 3. AP हिमतमसमतणु । 4. P मेल्लाविय (13) I. AP सरोस 2. AP छा गर । 3. A लुटिय' ।
SR No.090276
Book TitleMahapurana Part 4
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorP L Vaidya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2001
Total Pages288
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Mythology
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy