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संधि ३०
अमियमइअणंतमईसई हिं सीलगुणेहिं पसाहिच ।। जिणवइगुणवइवरजसवइहिं रधुवगु संबोहिउ ।। ध्रुवकं ।।
लोयवालु सा बसुमइ राणी पलरंदरियहि तेयहिं समोणी । बारहविहदिक्खाइ समग्गई बिपिण वि सावयवइ दिदु लग्गई। खंतिहिं कहियउँ धम्मु गिरतरु असहमग्गि लग्गउ अंतेवरू । णिषुच्छवमंगलणिग्धोसा ताम कुबेरक्तवाणिवासहु । चरियागरको शिस्मराराट. ... .. संघाकामयसाय । यदत्तावरइत्तै णवियर
छुहु जि तेण पंगणि पत्र थवियत्र । ता वहिं पक्खिजुयलु संपत्त पक्खहिं पहणइ पयरत भत्तउ। ' दोहि विमणि गणिहिंजोयंत धम्मबडिहोउ ति भर्णताम्। रिसि पेच्छिवि भउ सुमरिवि मुच्छिउ महि हि पद्धंतु णरेहि पियकिछउ । सलिले सिंचित थियज सइत्तउ अवरोप्परहुं जि णवर विरत्त । भरई पक्खि कि कीरइ पक्खिणि कहिं रइवेय महारी पणइणि । सरइ संकोंति पुण्णससिकते किह जीवमि णिम्मुक सुकत । घसा-सोहापुरि बहुबरु एउ चिरु एवहिं दंपइ णहयर ॥
लोलंत पलोयवि धरणियले कड अलाह गय मुणिवर ।।१।।
वसुमईइ णवपंकयणेत्तइ चंचुइ पट्टियम्मि संणिहियई णहयरियहि सकंतु जाणाविर मा विहडेवि चरह म विरप्पह
बिपिण चि पुच्छियाई प्रियदत्तइ । दोहिं मि गयभवणामई लिहियई। रश्वेयागमु खयरहु दावित। विणि षि सुई मुंजह कंदपङ् ।
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MB give, at the commencement of this Samdhi, the following stanza :
णाइन्दणरिन्दरिन्दवन्दिया जणियजणमणाणन्दा ।
सिरिकुसुमदसणकइमुहणिवासिणी जया वाईसी ॥१॥ GK give this stanza as well as tarifare: etc, here for which see note
on Samdhi xxix. १. १. MB सियहि । २. M सवाणी। ३. MIT सिक्खाइ। ४. MB कहिन । ५. MB परंतर !
६. MB पिथदत्ता । ७. MB ता तं पक्खिमिहशु । ८. MB मणह । ९, MB सुफंति; T सर्कुति । २. १. MB पियदसह । २. MB पट्टयम्मि ।