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महापुराण
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जहिं कुमारि अलिस से वरु पई विणु तेण वि काई णवल afar एत्धु में हो मलासि तं णिणिवि हू कोअहलु मेरुघीरु जगणलिणदिणेसरु चलिउ पडिभडगय घडमणु चलि बलि रहेंषरु बजाउछु भूगोयर विज्जाहरराणा पहुहु अकंपणु पणवित जावहि सहं घाइइ भूसाहिं सती चोय हय महिंदरहिएं तहिं जोय सुंदरि कंचुइ दाइ
पत्ता- तहि अक्ककित्ति पलयकणिहु बलि भूयवलि विसमाणउ ॥ वज्जावहु वन्जु व आवडिस रुथइ को विण राणउ || १८||
तरुणिवयणु जोयवि जोचारें पुणु रहबर संचो ते
"
सो पार
णासयंवरु । लहु चल्लह किंकरच्छलें । कार ह संपैसिउ ।
दिण भेरि गुरुरव मिलियत बलु। पिसुणियि चलि भरद्देसरु । कित्तिणात दणु । चलित घणरउ णं कुसुमाउहु । गंपि सयंवरघरि आसीणा | संणि तरुणि चडाविय तावहिं । भास हा रक्खिती । रायकुमार परिद्वय ते जेहिं । एकु वि णरवइ मणहु ण भावइ ।
जिह जिह सुंदरि अप्पल दावइ कोणीसस ससेइ दिहि छंडे कंठाहरणु को वि संजोयइ को विनिययिणड़ई अगाई चिरभवि मई ण कियच मणणिग्गह को सिमिच्छहि अहरग्गहु arat as विरहमहाजरु मुलि पडि को वि विहलंगलु घसा - कर मोडइ छोडइ सिरेचिहर उभगतसिंगारहिं ॥ अहिलसह हसइ भासइ भडक भज्जइ कामवियारहिं ॥ १९ ॥
१९. १. MB सुखइ | २, MB छहुई । ५. MB महाग । ६. B सिरि बिहार । २०. १. MB] संजोद्दउ । २. B जयगरबद्द
१९.
तिहु तिह शिवतणयहुं तणु तावइ । ervie पुण षि पुणु विकु वि मंडइ । अप्पर दप्पणि को वि पलोयइ । य एयहि थणहि ण लग्गई। किह विरयमि एयहि कंठग्गहु । कासु विलग्गड काममेहग्गहु । कासु वि उरि खुत्तर वम्मइसठ । केण विनियलज्जहि दिण्डं जलु ।
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परियाणि सुरगिरिषीरें। आसीपड जड़े परवइ जेत्तहि ।
[ २८.१८ १
१८. १. MB सयंवद । २. Mण होह । ३. MB तुम्हहं पेंसिल । ४ MB रहबर । ५. MB भाई | ६. MB जेतहि ।
३. MB अंग को वि पृणु वि पृणु मंडई । ४. MB अहंगदं ।