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________________ महापुराण लहु वासुएउ सकारियल तणुरुहु सरजि वइसारियज । वयसंजममारधुरंधरहो दिक्खंकित पासि जुयधरहो। पंचिंदियगयउलु पीडियेट ने कियउ सीह णिकीडियज । पुणु सन्चमा उचाइय ''मिच्छत्तजडत्तु णिवाइयउ। "अणसणविहाणि जं साड़ियल तं चरविड़ मई आराहियउ | हउ अरुहु भरेण भरेवि मुड अच्चुइ आईडलु णवर हुउ । पत्ता-ता रयणविमाणारोहियउ मई अच्चुयप्पाहो णियः ।। ललियंगदेख सो णिययगुरु गयइ भत्तिइ पुज्जियर ८।। दुवई-चुउ लेलियंगदेउ जंबूतरलंणि दीवि सुहबई । सुरगिरि सुरदिसाइ सँविदेहइ जणमहि मंगलावई ॥१| खगसंमाहियविजावलिहे ... रुप्पयगिरिंदउत्तरलिहे। गंधवणयार सहिं विमलजसु " वासेज णाम वासवसरिसु । पायउपयाउ गरबइ क्सइ जसु दिहिहि कलिकयंतु तसइ । तहि देविधि उयरि पहावाहि उप्पण्ण कलमरालगइहि । णामेण महीधरु धोरझुणि ताएण अरिंजन दिवमुणि । सुउ रजिज थवैप्पिणु सैषियउ णिग्गंथभाउ संभावियउ। मुत्तावलित वतायें तविउ दढकम्मालाणु परिक्ख विच। सते दते रुद्धासवेण अपरउ णिउ मोक्खाहु वासवेण । णं सससिणिसाहि पहावइहि पणवंतिहिं ताहि पहावइहि। तउ दिपण यजगसंतियइ सुद्धइ पोमावइकतियइ । सीसिणियह पुण्णु समज्जियउ सविसयकसायबलु णिज्जियउ । रयणावलि णामें जेणियदिहि कयदेहसोसउववास विहि । घत्ता-स वि मय तहि गिरु णिरसणु करिवि आउखइ फि जिज्जई । सोलहमद सगिग पबिंदु हुंये भगु किह धम्मु ण फिजइ ।।९।। दुबई-अहणलिणकि दीवि पच्छिमदिसमंवरपुन्धि रिद्धिया। पुत्वयिदेहि छोणि बच्छावा पुरि पहयरि पसिद्धिया ॥११॥ ८. MBP संकारियउ । १.Pपीलियन । १०. Bamits this foot, १t. Bomits this line. १२. 6 मिच्छत्तु जडत्तु । १३. B onits this foot. १४. कप्पहि । १५. P गुरुयइ । ९. १. MRP ललियंगु देउ । २. B°लंछपदीवि । ३. MBP सुविदेहह । ४. MBP स्वरयल है । ५. वसव ६. P दिखामुणि । ७. MRP परिषखयउं। ८. MBP जगफवसंचियह । .. MBP जायदिहि । १०. MBP किज्जा । ११. MBP हुन । १०. १. MRP पछिम विसि मंदरि पुन्छ ।
SR No.090274
Book TitleMahapurana Part 2
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorP L Vaidya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2001
Total Pages463
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Mythology
File Size10 MB
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