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________________ प्रकाशकीय " महाकवि दौलतराम कासनीवाल -व्यक्तित्व एवं कृतित्व " पुस्तक को पाठकों के हाथों में देते हुए हमें प्रत्यधिक प्रसन्नता है। श्री महावीर ग्रंथमाला का यह १७ वा प्रकाशन है। इनमें राजस्थान के जन सास्त्र भण्डारों को अन्य सूची के पांच भाग. प्रशस्ति संग्रह, प्रद्य म्नचरित, जिदात परित राजस्थान के जैन सातव्यक्तित्व एव कृतित्व, Jaina Grantha Bhandars in Rajasthan, हिन्दी पद संग्रह जैसी महत्त्वपूर्ण पुस्तकों के नाम उल्लेखनीय है । "राजस्थान के जैन सन्त', पुस्तक पं. गोपालदास वरय्या पुरस्कार द्वारा पृ:स्कृत होना हमारे प्रकाशनों के स्तर की ओर एक संकेत है । क्षेत्र द्वाग मंचालित साहित्य शोध विभाग का मुख्य उद्देश्य प्राचीन एवं अलभ्य साहित्य का संरक्षण, महत्वपूर्ण ग्रन्थों का प्रकाशन तथा राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों का सूचीकरण करना रहा है। इस उद्देश्य में उसे कहाँ तक सफलता मिली है इसके बारे में तो विद्वान ही कुछ कह सकते हैं। लेकिन क्षेत्र द्वारा प्रकाशित साहित्य हे अाधार पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में जनधर्म एवं साहित्य के प्रति विद्वानों में जो सूचि पैदा हुई है वह इसकी प्रगति का शुभ सूपक है । इसके अतिरिक्त साहित्य शोध विभाग में जितनी अधिक संख्या में विद्वान एवं शोध छात्र अपने शोध कार्य के लिये प्राने लगे हैं वह भी जैन साहित्य के प्रति विद्वानों की अभिरुवि में वृद्धि का एक कदम है ऐसा हमारा विश्वास है। जयपुर नगर गत २४५ वर्षों से जन विद्वानों का केन्द्र रहा है। हिन्दी साहित्य की इन्होंने जो महत्वपुर्ण सेवा को थी वह देश के विद्वानों से छिपी नहीं है। इन . धानों में दौलतराम जी, टोडरमल जी, बखतराम जी, जयचन्द जी, पारसनाम जी, सदासुख जी, गुमानीराम, चंगाराम भांवसा पादि के नाम उल्लेखनीय है । इन विद्वानों में से 40 टोडरमल जी के बारे में तो समाज अवश्य जानता है लेकिन अन्य विद्वानों के सम्बन्ध में विशेष जानकारी बहुत कम लोगों को है । दौलतराम कासलीवाल जयपुर नगर के ऐसे ही प्रथम महाकवि थे जिनके ग्रन्थों का हम स्वाध्याय तो करते रहते हैं लेकिन उनके व्यक्तित्व के बारे में अधिक नहीं जानते । इन्होने हिन्दी भाषा में १८ ग्रन्थों की रचना करके साहित्य की महान सेवा की थी। प्रस्तुत पुस्तक में उनके विस्तृत जीवन परिचय के अतिरिक्त या कासलीवाल जी ने तत्कालीन जयपुर के विद्वानों एवं
SR No.090270
Book TitleMahakavi Daulatram Kasliwal Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherSohanlal Sogani Jaipur
Publication Year
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, History, & Biography
File Size7 MB
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