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________________ जम्बस्वामी रास ------ -- -..-..1 निणि नयर विवहारीउए ।मा०। सागरदस्त ते नाम । पदमावती कूखि मलीए मा०। पद्मश्री सुता नाम ॥२८॥१९५॥ घनदत्त बीजु भलुए मा। कनकमाला तस नारि । कनकधी पुरी भलीए ।मा। सवं कन्या माहि सार ३२६१६।। वैश्रवण त्रीजउ बलीए मा। बिनयमाला स्त्री जाण । विनयश्री दुहिता भली एमा० बोलि मधुरी वाणि ।।३०॥१६॥ प्रणमन परशर लिए मा विनयवती तस नारि। लक्ष्मी दुहिता तस घिर ए ।मा। जाणि परम विचार ॥३१॥१९७।। चार कन्या पछि अति भली ए ।मा ०। रूप सोभागनी खाणि । पृथु पीन पयोधरा मा०। बोलि प्रमृत वाणि ॥३२॥१६॥ कटियंत्र प्रति रूडीए मा०। मृग नयणी गुणवंत । स्वरग श्री च्यारि प्रवतरीए ।मा०। जाणि पूर्व वृतांत ॥३३।। १६६।। सास्त्र सवि भणावीयां ए मा०1 कन्मा केरे तात । कला गुण सह सखिचीए मान हुई छि लोक विक्षात 1॥३४॥२०॥ पुत्र पुत्री जण्या विना एमा०। पूरवि बोल्या बोल । अहंदास घिर आदीया ए मा०। मनसुधरी रंगरोल ।।३।।२०१1। पासण विसन घणां दीर्याए मा०) मान दीधारे अपार । मीठा मधुरा बोलीयाए मानते बिठा तिणि ठाम ॥३६॥२०॥ दूहा --से चार तिहां बोलीया, अईदास प्रतिसार । जंबू कुमार ए पुत्रीयां, योग्य प्रछि भरतार ।।३७॥२०॥ इशां वचन जब सभिली, मनसु घरी उल्लास । स्त्रीय सहित प्रालोचियो, प्रमाण कहि अहदास ।।३।।२०४||
SR No.090269
Book TitleMahakavi Bramha Raymal Evam Bhattarak Tribhuvan Kirti Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages359
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size5 MB
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