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________________ भविष्यदत्त चौपई भविष्यदत्त चौपई महाकवि की प्रमुख कृति है। इसका रचना काल संवत १६३३ कार्तिक सुदि १४ शनिवार तथा रचना स्थान सांगानेर है । प्रस्तुत पाठ कृति का प्रारम्भिक अंश है । जो तीन पाण्डुलिपियों के प्राधार पर तैयार किया गया है । इन पाण्डुलिपियों का परिचय निम्न प्रकार है क प्रति - पत्र संख्या ६६ । माकार Ex१।। इञ्च । लिपिकाल संवत् १७९६ पौष शुक्ला प्रतिपदा । प्राप्ति स्थान-साहित्य शोध विभाग, दि. जैन अ. क्षेत्र, श्री महावीरजी, अयपुर । विशेष-- प्रस्तुत पाण्डुलिपि एक गुटके में संग्रहीत है जिसमें ब्रा रायमल्ल की दूसरी कति हनुमंत कथा का भी संग्रह है । इसके अतिरिक्त सील रासा एवं दानसोल-तप-भावना की चौपई का सग्रह भी है लेकिन दोनों कृतियां ही भपूर्ण है। मुटका जीर्ण अवस्था में है। ख प्रति - पत्र संख्या ६८ । आकार ७४७ इटच । लेखन काल --- संवत् १६६० भादवा बुदि शुक्रबार । प्राप्ति स्थान - साहित्य शोध विभाग, महावीर निकेतन, जयपुर । विशेष – प्रस्तुत पाण्डुलिपि एक गुटके में संग्रहीत है । जिसमें प्रारम्भ के १७ पृष्ठ नहीं है । उसमें चौपई को पद्य सख्या अलग-अलग न देकर एक साथ दी गई है जिनकी संख्या ६१५ दी हुई है। इस पाण्डुलिपि में ११५ वां पद्य निम्न प्रकार
SR No.090269
Book TitleMahakavi Bramha Raymal Evam Bhattarak Tribhuvan Kirti Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages359
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size5 MB
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