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________________ महाकवि को काव्य रचना के प्रमुख नगर दिगम्बर जैन मन्दिर दीवान जी का विशाल मन्दिर है । मन्दिर तीन शिखरों एवं चार कोनों में चार छत्रियों सहित है । मन्दिर में एक भौंहरा है जिसमें मूर्तियां विराजमान हैं। यही हस्तलिखित ग्रन्थों का भी अच्छा संग्रह है। जिसमें करीब 300 पांडुलिपियां होंगी । नगर का दूसरा प्रसिद्ध मन्दिर सांवला जी का है। सांपला बाबा की मूति मनोज्ञ एवं चमत्कारिक है। इसीलिए जब जयपुर राज्य में वैष्णव जैन उपद्रव हुये उस समय इस मन्दिर को लूटने का प्रयास किया गया था लेकिन मूर्ति की चमत्कार से उपद्रवी कुछ भी नहीं कर सके । इस मन्दिर में 13 वीं-14 वीं शताब्दी तक को मूतियाँ हैं। पंचायती दिगम्बर जैन मन्दिर यहाँ का नवीन मन्दिर है। साम्प्रदायिक उपद्रव में पंचायती मन्दिर को भी लूटा गया तथा नष्ट किया गया । उसके स्थान पर इस मन्दिर का निर्माण कराया गया । यह पंचायती बड़ा मन्दिर पार्श्वनाथ जी का है इसमें हस्तलिखित ग्रन्थों का अच्छा संग्रह है। मुसावडियों के मन्दिर का निर्माण साम्प्रदायिक उपद्रव के बाद हुमा । यह नगर सेठ का मन्दिर है । सवाई भोघोपुर में जैन कवि चम्पाराम हुए जिन्होंने संवत् 1864 में भद्रबाहु चरित भाषा टीका लिस्त्री । चम्पाराम हीरालाल भावमा के पुत्र थे।1 संवत् 1825 में यहाँ द्रव्य संग्रह की प्रतिलिपि की गयी। इसी तरह पचासों मोर भी प्रतियां मिलती है जिनकी यह! प्रतिलिपि हुई थी। देहली गत सैकड़ों वर्षों से देहली को भारत का प्रमुख नगर रहने का सौभाग्य प्राप्त है । इसलिये यहां के नागरिकों ने यदि अच्छे दिन देख्न हैं तो उन्हें अनेक बार बुरे दिन भी देखने पड़े हैं। तैमूरसंग, नादिरशाह जैसे नुशंस प्राक्रमणकारियों में यहां के नागरिकों पर जो अत्याचार किये थे वह मुसलिम युग में नगर की संस्कृति एवं सभ्यता को मिटाने के जो बर्बर कार्य किये थे उन्हें याद करते ही पापाण हुदय भी दवित हो जाता है । लेकिन अनेक प्रत्याचारों, लूट, खसोट एवं विनाश कार्य होने पर 1. ग्रन्थ सूची भाग-3, पृष्ठ 212
SR No.090269
Book TitleMahakavi Bramha Raymal Evam Bhattarak Tribhuvan Kirti Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages359
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size5 MB
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