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________________ महाकवि भूधरदास है। उनके रूपक और उपमाएँ दैनिक जीवन से सम्बन्धित एवं हृदयहारी हैं । सन्त सुन्दरदास जैसे सुशिक्षित सन्त कवि भी अलंकारों के बाह्य प्रदर्शन के विरोधी हैं, परन्तु फिर भी उनके काव्य में अनेकानेक अलंकारों का प्रयोग हुआ हैं। सन्तों की रचनाओं में मिलने वाला अलंकार विधान ऊपर से लादा हुआ प्रतीत न होकर अपने विचारों की स्पष्टता एवं रोचकता के लिए प्रयुक्त किया गया है I 54 " सन्त काव्य में अर्थालंकारों का ही प्रयोग अधिक रूप में मिलता है । सन्तों के अर्थालंकार आध्यात्मिक अभिव्यक्ति में सहायक प्रतीत होते हैं। इस प्रकार गूढ़ एवं अप्रस्तुत रूपों की अभिव्यक्ति में ही सन्तों में अलंकारों का प्रयोग विशेष द्रष्टव्य है; जो प्रतीकात्मक ढंग से प्रतिपाद्य विषय को स्पष्ट करने के लिए प्रयोग में लाये गये हैं। आध्यात्मिक तत्त्वों की स्थूल अभिव्यक्ति एक कठिन कार्य है, उसका स्पष्टीकरण दृष्टान्त के द्वारा किया गया है; जिसकी परम्परा अत्यन्त प्राचीन है । आनन्दातिरेक में विह्वल सन्तों की बानियों में यमक, अनुप्रास आदि का स्वरूप भी मिल जाता है । सन्तों की रचनाओं में मिलने वाले मुख्य अलंकार निम्नलिखित माने जा सकते हैं. अर्थालंकार रूपक, विभावना, अन्योक्ति अर्थान्तरन्यास, दृष्टान्त, तुल्ययोगिता, एकावली, काव्यलिंग, उपमा, अन्योपमा, उत्प्रेक्षा, विरोधाभास, विचित्र, विषय, व्यतिरेक, कारणमाला, क्रम, परिणाम, भेदकातिशयोक्ति, लोकोक्ति I . शब्दालंकार • अनुप्रास, यमक, वीप्सा, निर्मात्रिक । " 1 M डॉ. त्रिलोकीनारायण दीक्षित ने सन्त काव्य में प्रयुक्त 55 अलंकारों के नाम दिये हैं। 2 सन्तों ने दो प्रकार के साहित्य की रचना की है। प्रथम सामान्य वर्ग के लिए, द्वितीय सम्प्रदायों के विशेष अधिकारियों के लिए। जो साहित्य जन सामान्य के लिए लिखा गया उसमें सरलता, सहजता, सजीवता और प्रभावित करने की अद्वितीय शक्ति हैं। इसमें माधुर्य और प्रासाद गुण, नादसौन्दर्य तथा रसपरिपाक भी है; किन्तु जो साहित्य सम्प्रदाय के अधिकारियों के लिए है, उसमें 1. नाथपंथ और निर्गुण सन्त काव्य - डॉ. कोमलसिंह सोलंकी पृष्ठ 312 2. हिन्दी सन्त काव्य डॉ. त्रिलोकीनारायण दीक्षित पृष्ठ 312
SR No.090268
Book TitleMahakavi Bhudhardas Ek Samalochantmaka Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Jain
PublisherVitrag Vigyan Swadhyay Mandir Trust Ajmer
Publication Year
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size9 MB
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