________________
एक समालोचनात्पक अध्ययन
41. दूक ढाक होना 42. तगा हित
43. तट ही तट पर डोलना 44. तन तोड़ना 45, तमासगीर रहना 46. तिनके तोड़ना 47. तीसरा पन आना 48, थोथी बातें 49. दमामा देना 50. दृग भरना
फिी आगै दूल, हाल है बैनातक लदी तोरन तनक तगा हित - भूधर मुक्ताफल की लरिया प्रकीर्ण साहित्य तट ही तट पर डोलत सोय पार्श्वपुराण 72 तन को न मोरे
जैनशतक 13 याही ते सयाने तू तमासगीर रह जैनशतक 17 तोरत नेह जथा तिनको जैनशतक 54 अब आया पन तीजा जैनशतक 41
और सब थोथी बातें . भूधरविलास 35 देय न दमामा जोलौ जैनशतक छन्द 26 फल चाखन की बार भरे दृग भूधरविलास पद 4 दांत लिए तन रहै है जैनशतक 55. 66 दास भूधर भनै सुदिन देखे बने
प्रकीर्ण साहित्य अज्ञानी पाप धतूरा न बोय भूधरविलास 4 परतिय लखि जे धरती निरखे जैनशतक 58 रूपामृत पीवत नहिं धापै जैनशतक 10 तिन्हें पग धोक त्रिकाल हमारी जैनशतक पद 11, 12 नट का कुटुम्ब जैसा भूधरविलास पद 15 समझ देखि नायक के जीते जैहे भागि सहज सब लसकरि भूधर विलास पद 41
51. दांतों में तिनका दबामा 52 देखें बनना
53, धतूरा बोना 54. धरती देखना 55. धापना 56. पग धोक
57. नट का कुटुम्ब 58. नायक के जीतने पर
लस्कर का भागना