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________________ 320 महाकवि भूधरदास : (ड) भूधरसाहित्य में मुहावरे और कहावतें . महाकवि भूधरदास ने अपने भावों एवं अनुभूतियों की विशेष प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए अपनी भाषा में मुहावरे एवं कहावतों का प्रयोग किया है । मुहावरे ' और कहावतों की अपनी अपनी विभिन्न विशेषताएँ हैं। इन विशेषताओं से युक्त होने के कारण भूधरसाहित्य अनूठा बन पड़ा है। भूधरदास ने मुहावरों एवं लोकोक्तियों द्वारा बड़ी से बड़ी बात को अति प्रभावशील ढंग से सूक्ष्म परिवेश में व्यक्त करने का प्रयास किया है। भूधरदास ने अपने साहित्य में जिन मुहावरों एवं कहावतों का प्रयोग किया है, उनका विवेचन अकारादि क्रम से निम्नांकित है - (पहले मूल मुहावरा फिर उसका काव्य में प्रयुक्त रूप और अन्त में कृति का उल्लेख है) . काव्य में क्रम मूल रूप 1. आंको आब उगाना 2. आई गई कर जाना 3. आग लगने पर कुओं खोदना 4. आँखों में धूल झोंकना प्रयुक्त रूप कृति का नाम आंको आब उन्होंवे जैनशतक छन्द 17 गई करि जाउ निवाह न वै है जैनशतक छन्द 19 आग लागै जब झौंपरी जलन लागी। जैन शतक छन्द 26 अंखियान में झोकत है रज जैनशतक छन्द 64 पूजौ आस मन की जैनशतक छन्द 91 ईधन सौ आगि न धाप पार्श्वपुराण पृष्ठ 60 5. आस पूजना 6. ईधन सो आग धापना 1. अच्छी हिन्दी - रामचन्द्र वर्मा पृष्ठ 198, साहित्य रत्नमाला कार्यालय बनारस 2. राजस्थानी कहावतें : एक अध्ययन- डॉ. कन्हैयालाल सहल पृष्ठ 20 3. हिन्दी साहित्य कोश भाग 1 प्रो. धीरेन्द्र वर्मा पृष्ठ 954 द्वितीय संस्करण शानमण्डल बाराणसी
SR No.090268
Book TitleMahakavi Bhudhardas Ek Samalochantmaka Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Jain
PublisherVitrag Vigyan Swadhyay Mandir Trust Ajmer
Publication Year
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size9 MB
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