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एक समालोचनात्मक अध्ययन
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अनुक्रमणिका प्रकाशकीय श्री हीराचन्द बोहरा 2. प्रस्तावना डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल 3. आत्मवक्तव्य 4. एक अभिमत डॉ. रामदीन मिश्र प्रथम अध्याय
सन्त साहित्य : एक अनुशीलन (क) सन्त का अर्थ एवं लक्षण (ख) सन्त साहित्य की विशेषताएँ या मुख्य प्रवृतियाँ (ग) सन्त साहित्य का काव्यादर्श : भावपक्ष एवं कलापक्ष (घ) सन्त परम्परा (ङ) सन्त मत पर अन्य प्रभाव या सन्त मत के आधार (च) सन्त काव्य : साहित्य असाहित्य का निर्णय (छ) सन्तयुगीन परिस्थितियाँ तथा सन्तों का प्रदेय (ज) सन्त साहित्य की प्रासंगिकता द्वितीय अध्याय
भूधरयुगीन पृष्ठभूमि (क) राजनीतिक परिस्थितियाँ (ख) सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थितियों (ग) धार्मिक परिस्थितियाँ । (घ) साहित्यिक परिस्थितियाँ तृतीय अध्याय
जीवन वृत एवं व्यक्तित्व (क) जीवनवृत
नाम 112 शिक्षा 112, परिवार 115, निवास स्थान
एवं कार्य क्षेत्र 115, जन्म मृत्यु एवं रचना काल 115 (ख) व्यक्तित्व
महाकवि 120, अध्यात्मरसिक 120, प्रवचनकार 120, समाधानकर्ता 121, निरभिमानी 121, विनम्र 122, मिष्टभाषी 122, पक्षपात विरोधी 123, खोजी एवं
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111-133 111-119
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