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महाकवि भूघरदास : अपात्रदान सम्बन्धी चर्चा - 58 प्रथम आहारदान देने सम्बन्धी चर्चा - 61 तीर्थकर की माता सम्बन्धी चर्चा - 66, 68 तीर्थकर आस्त्रत्व के कारण सम्बन्धी चर्चा - 65 पार्श्वनाथ एवं बाहुबली की प्रतिमा की पूज्यता-अपूज्यता सम्बन्धी चर्चा60, 70, 71 बन्ध का उत्कर्षण सम्बन्धी चर्चा - 97 स्वर्गों की आयु सम्बन्धी चर्चा - 98 भव का आयुबंध सम्बन्धी चर्चा - 99 आठ कर्म की स्थिति का क्षरण सम्बन्धी चर्चा - 100 छठे काल के बहत्तर जुगल सम्बन्धी चर्चा - 101 दान सम्बन्धी चर्चा - 13
चर्चाओं के समाधान में जिन ग्रंथों के नाम, उद्धरण, प्रमाण आदि प्रस्तुत किये गये हैं, उनके नाम निम्नलिखित हैं--
पूजा एवं स्तोत्र सम्बन्धी ग्रंथ - एकीभाव स्तोत्र, भक्तामरस्तोत्र, हेमचन्द्रकृत भाषा-भक्तामर रत्नत्रयपूजा, वृहत्स्वयंभूस्तोत्र, प्रतिष्ठापाठ, शान्तिपाठ, निर्वाणकाण्ड, रयधू पण्डितकृत स्वयंभूस्तोत्र, पद्मनंदिकृत रत्नत्रयपाठ, यशोनंदिकृत पूजापाठ, सूत्र के पाठ की फल स्तुति, वृहत्प्रतिक्रमण भाषा, साधुवंदना आदि ।
__ प्रथमानुयोग सम्बन्धी ग्रंथ - आदिपुराण जिनसेनकृत, आदिपुराण पुष्पदंतकृत, वृहद्पद्मपुराण महापुराण, बुहद्हरिवंशपुराण, हरिवंशपुराण, शांतिनाथपुराण, आशिग पण्डितकृत यशस्तिलकनामा चम्पूकाव्य, पद्मपुराण, पंचपरमेष्ठी की टीका, स्वामी कार्तिकेय, कथा, संमतभद्र कथा, भद्रबाहु कथा, श्रेणिक चरित्र, अभव्यसेन का प्रसंग, कुंदकुंद के पंचनाम हेतु कथा, ढोलसार कथा आदि।
करणानुयोग सम्बन्धी ग्रंथ - गोम्मटसार (पूर्वार्द्ध एवं उत्तरार्द्ध अथवा जीवकाण्ड एवं कर्मकाण्ड) त्रैलोक्यप्रज्ञप्ति, त्रिलोकसार नेमिचन्द्राचार्य कृत, चौबीसठाणा, कर्मकाण्ड की टीका, वचनकोष आदि।
चरणानुयोग सम्बन्धी ग्रंथ - रत्नकरण्डश्रावकाचार समन्तभद्रकृत, चामुण्डरायकृत चारित्रसार, मूलाचार, आचारसार वीरनंदिकृत, इन्दनन्दिकृत