SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 171
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 142 महाकवि भूघरदास : अबकी कौन बात है? तातै यथायोग्य अवलोकन बिना मन के अवलम्बन निमित्त केतिक चरचा का विचार लिखिए ।' चर्चा 1 - मुनिराज के ऐसा कौन संदेह हुआ होई तिसक्म केवली श्रुतकेवली बिना निर्णय न होई, तिस संदेह की जाति जानी चाहिये ? चर्चा 2 - सम्यग्दर्शन का क्या स्वरूप है ? चर्चा 3 - व्यवहार सम्यक्त्व कैसे कहिए और निश्चय सम्यक्त्व कैसे कहिये। चर्चा 4 - सम्यक्त्व की उत्पत्ति दोय प्रकार है - एक निसर्गत दूजी अधिगमजतें। तिनका स्वरूप क्या है ? चर्चा 5 - पाँच लब्धि में करणलब्धि का क्या स्वरूप है ? चर्चा 6 - गोम्मटसार में सम्यक्त्व के 6 भाग कहे हैं इन छहु सम्यक्त्व का क्या स्वरूप है ? चर्चा 7 - खेला गया वियोगना कि अन्ना कर है। चर्चा 8 - कोई जीव उपशम श्रेणी चढ़े तो कै बार चढै ? चर्चा 9 - अन्तर्मुहुर्त के कितने विकल्प हैं ? चर्चा 10- आवली का क्या स्वरूप है ? चर्चा 11- क्षपक श्रेणीवाला नवमें अनिवृत्तिकरण नामा गुणस्थानविषै नवभाग करि छत्तीस प्रकृति का क्षय करें है और जो उपशम श्रेणी चट्टै सो नवमें गुणस्थान विषै उपशम केती प्रकृति का करै । ब्रह्म विलास के चेतन चरित्र विर्षे छत्तीस का ही उपशम लिख्या है, सो कैसे है ? चर्चा 12- अविरत नाम चतुर्थ गुणस्थान की केतक काल स्थिति है ? चर्चा 13- छठा सातवाँ गुणस्थान इवरूँ की नाईं हुआ करै है तहां जैसा सुना है जब छठे सूं सातवें आई जाई तब गमन करतै पांव ज्यों का त्यों ही रहै, आहार करतै ग्रास ज्यों का त्यों ही रह जाई, सो कैसे है ? चर्चा 14- छठवें सूं ग्यारहवें गुणस्थान ताई उत्कृष्ट तथा जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त मात्र है अर एक समय मात्र भी कही है। बनारसीदासजी ने नाटक के गुणठाणाधिकार में भी कही है सो क्यूं कर है ? चर्चा 15- सम्यक्त्व सहज साध्य है कि यल साध्य है ? 1, चर्चा समाधान, पूधरदास पृष्ठ 4
SR No.090268
Book TitleMahakavi Bhudhardas Ek Samalochantmaka Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Jain
PublisherVitrag Vigyan Swadhyay Mandir Trust Ajmer
Publication Year
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy