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ज्ञानदिवाकर, मर्यादा शिष्योत्तम, प्रशांतमूर्ति आचार्यश्री भरतसागर जी महाराज की स्वर्णजयंती वर्ष के उपलक्ष में :
महाकवि बूचराज विरचित मदनजुद्ध काव्य
सम्पादन-अनुवाद डॉ० ( श्रीमती) विद्यावती जैन एम० ए० (द्वय, स्वर्णपदक प्राप्त ) पी-एच० डी० प्रोफेसर एवं अध्यक्ष-हिन्दी विभाग
म०म० महिला कालेज ( वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय ) आरा ( बिहार )
अर्थ सहयोगी स्व० मांगीलाल श्री पाटोदी की स्मृति में धर्मपत्नी श्रीमती महावीरी देवी
पाटोदी तत्पुत्र कमल, अशोक, दिलीप, प्रदीप, साढम
भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत् परिषद्